बिहार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पास बाघ का हमला, चरवाहे की मौत के बाद दहशत
पश्चिम चंपारण के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एक बाघ ने चरवाहे पर हमला कर उसे मार डाला। रामकिशुन नाथ नामक चरवाहा अपने मवेशियों को चराने गया था तभी बाघ ने उस पर हमला किया और उसे जंगल में ले गया। अन्य चरवाहों ने शोर मचाकर ग्रामीणों को बुलाया पर तब तक बाघ उसे मार चुका था।

जागरण संवाददाता, नरकटियागंज (पश्चिम चंपारण)। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन क्षेत्र से निकलकर करीब 100 मीटर की दूरी पर बाघ ने एक चरवाहे को मार डाला है। घटना बुधवार की शाम 5:30 बजे की है। घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है।
जानकारी के अनुसार, गौनाहा प्रखंड के कैरी गांव के खेखरियाटोला निवासी रामकिशुन नाथ (61) अपने मवेशियों को चराने के लिए सोफा मंदिर के पास गए थे। उसी समय नदी के किनारे झाड़ियों से निकलकर उनपर दहाड़ते हुए बाघ ने हमला कर दिया।
चरवाहे को दबोचने के बाद बाघ उसे घसीटते हुए जंगल में ले गया। घटना के समय पास में ही चरवाहे रवि साह और वासुदेव उरांव मौजूद थे। उन्होंने शोर मचाना शुरू किया और गांव की ओर भागकर मदद की गुहार लगाई।
दोनों चरवाहों ने बताया कि करीब पांच मिनट तक बाघ और रामकिशुन के बीच संघर्ष होता रहा। हल्ला सुनकर ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक बाघ ने चरवाहे को मार डाला था और उसे घसीटते हुए जंगल की ओर चला गया।
सूचना मिलते हीं मंगुराहा रेंजर मुमताज अहमद वनकर्मियों के साथ घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने बताया कि बाघ के पगमार्ग की ट्रैकिंग की जा रही है। बताया कि बाघ चरवाहे को जंगल में लेकर चला गया है।
करीब एक घंटा छानबीन के बाद जंगल में करीब एक किमी अंदर चरवाहे का शव मिला है। घटना के बाद कैरी और आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है।
परिवार का रो-रो कर बुरा हाल
मृतक रामकिशुन नाथ सात बच्चों के पिता थे। बेटी पूजा ने बताया कि पिता रोज समय पर घर लौट आते थे, लेकिन देर होने पर चिंता हुई। उसने सवाल किया कि अब परिवार किसके सहारे जिएगा। परिवार में चार बच्चों की शादी हो चुकी है, जबकि तीन अभी अविवाहित हैं।
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