चितवन राष्ट्रीय निकुंज में बाघों की गणना शुरू, 250 कर्मचारी व 1100 कैमरे लगाए गए
नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में बाघों की गणना शुरू हो गई है, जिसके लिए 250 कर्मचारी और 1100 कैमरे लगाए गए हैं। वन तथा वातावरण मंत्री माधव प्रसाद च ...और पढ़ें

चितवन निकुंज सहित पूरे नेपाल में एक साथ शुरू होगी बाघों की गणना। जागरण
संवाद सूत्र, वाल्मीकि नगर(पश्चिम चंपारण)। Bihar News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से सटे नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में बुधवार से बाघों की गणना शुरू हो गई है। बाघ गणना के शुभारंभ को लेकर भव्य उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्य में 250 कर्मचारियों को लगाया गया है।
गणना तीन महीनों में पूरी होगी, जिस पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए 1100 स्वचालित कैमरों का उपयोग किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन नेपाल के वन तथा वातावरण मंत्री माधव प्रसाद चौलागाई ने किया।
इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि प्रत्येक चार वर्ष में निकुंज के नेतृत्व और वन विभाग के समन्वय से बाघों की गणना की जाती है, जिसमें राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण कोष (एनटीएनसी), विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) तथा जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन (जेडएसएल) का महत्वपूर्ण सहयोग रहता है।
मंत्री चौलागाई ने बताया कि बाघ संरक्षण के लिए निवास स्थल में सुधार, शाकाहारी जीवों का समुचित प्रबंधन, संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार, अवैध शिकार और तस्करी पर नियंत्रण तथा समुदाय स्तर पर किए गए संरक्षण प्रयासों से नेपाल को उल्लेखनीय सफलता मिली है।
बाघों की गणना से प्राप्त वैज्ञानिक आंकड़े आने वाले समय में संरक्षण से जुड़ी नीतियों के निर्माण में सहायक होंगे। उन्होंने संरक्षित क्षेत्रों से बाहर बाघों के निकलने के कारण मानव–बाघ संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए संबंधित निकायों को प्रभावी रणनीति बनाने का निर्देश दिया। साथ ही जलवायु परिवर्तन से बाघों के आवास पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी ध्यान देने की आवश्यकता जताई।
राष्ट्रीय निकुंज एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग के महानिदेशक डॉ बुद्धि सागर पौडेल ने कहा कि बाघ जितना सुंदर है, उतना ही अधिक खतरे में भी है। बाघ संरक्षण के लिए सभी पक्षों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने बताया कि बाघों की गणना एक कठिन और जोखिम भरा कार्य है, इसलिए फील्ड में तैनात कर्मचारियों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
रेडियो कॉलर यंत्र लगाए जाएंगे
वन तथा भू-संरक्षण विभाग के महानिदेशक धीरेन्द्र प्रधान ने जानकारी दी कि वर्ष 2022 की पिछली गणना में नेपाल में कुल 355 और चितवन निकुंज में 128 बाघ पाए गए थे, जो संरक्षण प्रयासों की बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने मानव–बाघ संघर्ष को कम करने के लिए बाघों में रेडियो कॉलर यंत्र लगाने की आवश्यकता बताई, जिससे उनके आवागमन पर नजर रखी जा सके।
राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण कोष के निदेशक डॉ चिरंजीवी प्रसाद पोखरेल ने कहा कि चितवन क्षेत्र में स्थानीय लोगों की आय का प्रमुख स्रोत प्रकृति पर्यटन है, जिसमें बाघ की अहम भूमिका है। निकुंज के वरिष्ठ इकोलॉजिस्ट हरिभद्र आचार्य ने बताया कि चितवन सहित अन्य निकुंजों में एक साथ बाघों की गणना की जा रही है।

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