WATCH VIDEO: ड्रोन में दिखा बाघ, गजराज ने दिखाई राह, छू कर निकल गई थी पहली गोली, फिर गौतम ने...
Bihar News शनिवार को ड्रोन से निगरानी के दौरान गन्ने के खेत में दुबका दिखा बाघ। गजराज के सहयोग से आठ सदस्यीय टीम गन्ने के खेत में पहुंच गई। फिर बगहा एसटीएफ व बेतिया जिला पुलिस ने बाघ को ढेर कर दिया।

बेतिया, (पचं) जासं। मां-बेटे की हत्या करने के बाद आदमखोर बाघ गन्ने के खेत में जाकर छुप गया था। शनिवार की दोपहर में ड्रोन से निगरानी के दौरान गन्ने के खेत में दुबका हुआ बाघ दिखा तो बगहा के एसपी किरण कुमार गोरख जाधव के नेतृत्व में गठित आठ सदस्यीय टीम गजराज (मणिकंठा) के सहयोग से गन्ने के खेत में पहुंच गई। और आदमखोर बाघ को बगहा एसटीएफ के चंदन और बेतिया जिला पुलिस ने कुंदन कुमार और बगहा पुलिस जिला के गौतम कुमार ने ढेर कर दिया।
पहली गोली बगहा एसटीएफ के चंदन कुमार ने चलाई। उसके बाद कुंदन कुमार और गौतम कुमार निशाना साधा और बाघ ढेर हो गया। जवानोंं ने इंसास रायफल से चार गोलियां चलाई, जिसमें दो बाघ को लगी। बताया जाता है कि एनटीसीए से आदमखोर बाघ को मारने की अनुमति मिली तो बेतिया और मोतिहारी जिले के आठ निशानेबाज जवानोंं की टीम बनाई गई। शुक्रवार की शाम में मोतिहारी में ट्रेनिंग दिलाई गई। फिर दोनोंं को बगहा भेजा गया। एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा ने बताया कि आदमखोर बाघ के मारे जाने की सूचना मिली है, लेकिन बाघ किसकी गोली से मरा है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिली है। इसकी जानकारी ली जा रही है।

कैसे हुई आदमखोर बाघ की पहचान
बीते 12 सितंबर को हरनाटांड़ के बैरियाकला निवासी प्रेम कुमारी देवी (40) को बाघ ने मारा था। उसके बाद रेस्क्यू के लिए पहुंची एक्सपर्ट टीम को बाघ दिखा था। बाघ के दाहिने पैर में जख्म की पुष्टि हुई थी। इसके साथ हीं पिछले 25 दिनों से वनकर्मियों की टीम बाघ के पगमार्क की तलाश कर रही थी और मिलान किया जा रहा था। शनिवार की सुबह में मां-बेटे की हत्या करने के बाद बाघ जब गन्ने के खेत में छुपा तो वनकर्मियोंं की टीम ने पगमार्क ट्रेकिंग की। यह पगमार्क भी उसी बाघ का मिला। क्षेत्र निदेशक डा नेशामणि ने बताया कि बीते 12 सितंबर से आदमखोर बाघ (टी 105) इसी इलाके में भ्रमण कर रहा था और लोगोंं पर हमला कर रहा था।
सात घंटे चला ऑपरेशन
टाइगर रिजर्व के सीमावर्ती गांवों में दहशत का पर्याय बने बाघ को मारने के लिए चार जगहों से चुनिंदा शूटर बुलाए गए थे। इनमें दो मोतिहारी, दो बेतिया, दो एसटीएफ तथा एक बगहा जिला पुलिस के जवान थे। सात घंटे चले इस ऑपरेशन में कुल चार राउंड गोली चली। तीन गाेली बेतिया में तैनात जिला पुलिस के जवान कुंदन ने चलाई। कुंदन की पहली गोली बाघ को छू कर निकल गई। दूसरी गोली का निशाना सटीक लगा। बाघ जमीन पर गिरकर छटपटाने लगा। तभी एसटीएफ के जवान चंदन ने बाघ के गले पर गोली मारी। इसके बाद वह अचेत हो गया। बाघ के मारे जाने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

मां-बेटे को मौत पर माहौल था गर्म
बताया जा रहा है कि इन सातों शूटरों को शुक्रवार की रात रामनगर में बाघ को मारने की जानकारी दी गई थी। रात में ही सातों जवान हथियार से लैस होकर गोबर्द्धना थाना पहुंच गए थे, लेकिन सुबह में ही बाघ ने मां-बेटे को मौत के घाट उतार दिया। जिससे क्षेत्र का माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया था। किसी तरह भीड़ काे शांत कर ऑपरेशन शुरू किया गया। जिस गन्ना के खेत में बाघ छिपा हुआ था। उसे चारों तरफ से जाल से घेर दिया गया। हथियार से लैश शूटर हाथी व रेस्क्यू वैन पर सवार होकर उस गन्ने के खेत में पहुंचे जिसमें बाघ मौजूद था। सात घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नरभक्षी बाघ को मारने में कामयाबी मिली।

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