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    West Champaran News : जहां बचती है जान, वहीं लग रही आग, अस्पताल की वायरिंग बनी आफत

    By Sunil Tiwari Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 04:06 PM (IST)

    पश्चिम चंपारण के एक अस्पताल में वायरिंग की समस्या के कारण आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, जिससे मरीजों की जान खतरे में है। अस्पताल में बार-बार आग लगने स ...और पढ़ें

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    जागरण संवाददाता, नरकटियागंज । अनुमंडल अस्पताल की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था अब खतरनाक हो गई है। अस्पताल भवन में लगी पुरानी वायरिंग और बिजली बोर्ड वर्तमान जरूरत के अनुरूप लोड बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं।

    नतीजतन बार-बार शॉर्ट सर्किट और आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं। अस्पताल सूत्रों के अनुसार पिछले एक साल के भीतर छह से अधिक बार बिजली बोर्ड और वायर में आग लग चुकी है। हर बार आग लगने के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा आनन-फानन में मरम्मत कर बिजली आपूर्ति बहाल की जाती है।

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    गर्मी के मौसम में स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। बीते गर्मी के दौरान अधिक लोड के कारण कई एसी को बंद करना पड़ा था, जिससे मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के बीच अफरा तफरी का माहौल बन गया था।

    स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि वर्तमान समय में अस्पताल में बिजली की खपत कई गुना बढ़ चुकी है, जबकि वायरिंग लगभग दो दशक पुरानी है। अस्पताल के दो दर्जन से अधिक कमरों में एसी लगे हैं।

    प्रत्येक वार्ड और गैलरी में पंखे और बल्ब संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा टीकाकरण समेत कई महत्वपूर्ण दवाओं को सुरक्षित रखने के लिए लगातार फ्रिज चलाए जाते हैं, जिनमें अधिक बिजली की खपत होती है। बताया जाता है कि अनुमंडल अस्पताल भवन का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था। भवन तैयार होने के बाद कई वर्षों तक अधूरे कार्यों के कारण इसका उपयोग नहीं हो सका।

    तत्कालीन जिला पदाधिकारी दिलीप कुमार के प्रयास से 2011 में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. श्रीनाथ प्रसाद द्वारा इस भवन में पीएचसी का संचालन शुरू किया गया। बाद में अस्पताल को अनुमंडल स्तर की सुविधाएं मिलने लगीं, लेकिन बिजली व्यवस्था को उसके अनुरूप अपडेट नहीं किया गया।

    अस्पताल प्रबंधक विपिन राज ने बताया कि तीन माह पूर्व बीएमएसआईसीएल की एक टीम पहुंची थी। टीम द्वारा भवन की स्थिति का वीडियो बनाया गया और विद्युत आपूर्ति व्यवस्था की जर्जर हालत से अवगत कराया गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल के जीर्णोद्धार की प्रक्रिया प्रस्तावित है, जिसके साथ बिजली व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जाएगा।

    अस्पताल भवन के जीर्णोद्धार के लिए विभाग द्वारा पहल की जा रही है। जिला को लिखा गया है और जिला से राज्य को भी पत्र भेजा गया है। भवन की स्थिति का आकलन करने के लिए एक टीम आई थी। जीर्णोद्धार के दौरान बिजली व्यवस्था भी पूरी तरह दुरुस्त की जाएगी।
    डॉ. संजीव कुमार
    प्रभारी उपाधीक्षक