West Champaran: भोजपुरिया कला हाट सजकर तैयार, लोक संस्कृति की झलक जल्द दिखेगी
पश्चिम चंपारण में संस्कार भारती द्वारा आयोजित दो दिवसीय भोजपुरिया कला हाट की तैयारी पूरी हो चुकी है, जिसमें स्थानीय परंपराओं, हस्तशिल्प और लोकनृत्यों ...और पढ़ें

कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करते जिलाधिकारी,एसपी,एसडीओ व अन्य। जागरण
संवाद सहयोगी, बेतिया । कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में सक्रिय राष्ट्रीय संस्था संस्कार भारती की ओर से आयोजित दो दिवसीय भोजपुरिया कला हाट की तैयारी पूरी कर ली गई है। इस कार्यक्रम के समापन सत्र में 14 दिसंबर को राज्यपाल आने वाले हैं।
शुक्रवार को जिलाधिकारी तरनजोत सिंह और पुलिस अधीक्षक डा. शौर्य सुमन ने कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर सुरक्षा एवं व्यवस्थागत तैयारियों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। इस दो दिवसीय आयोजन में स्थानीय परंपराओं, हस्तशिल्प और लोकनृत्यों की झलक देखने को मिलेगी।
कार्यक्रम का उद्घाटन सुबह 10:30 बजे होगा। उद्घाटन सत्र में संस्कार भारती के केन्द्रीय मंत्री डॉ. संजय कुमार चौधरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रविशंकर सिंह बिसेन एवं स्थानीय सांसद डा. संजय जायसवाल उपस्थित रहेंगे।
उद्घाटन सत्र परिवार प्रबोधन विषय पर आयोजित होगा, जिसमें वक्ताओं द्वारा भोजपुरी समाज में पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक एकता पर विचार रखे जाएंगे। शाम के सांस्कृतिक सत्र में स्थानीय और प्रांतीय कलाकारों की प्रस्तुति होगी।
कार्यक्रम में थारू कलाकारों द्वारा झमटा, झूमरा, पंवरिया, बिरजाभार, बिम्बो, फर्री, समा-चकवा तथा कजरी जैसे लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां होंगी। हरनाटांड़ और गौनाहा क्षेत्र से आने वाले थारू लोककलाकार विशेष रूप से आमंत्रित किए गए हैं। इनकी प्रस्तुतियां लगभग चार घंटे तक चलने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम का केंद्र बिंदु होंगी।
15 स्टाल लगाए जाएंगे भोजपुरिया कला हाट में
दो दिनों तक चलने वाले इस भोजपुरिया कला हाट में कुल पंद्रह स्टॉल लगाए जाएंगे, जिनमें भोजपुरी हस्तकला, सिकी शिल्प, बाँस और मूंज से बने उत्पाद, काष्ठ कला, मूर्ति कला, सिलाई-कढ़ाई, पेंटिंग, घरेलू उद्योग तथा पारंपरिक व्यंजनों से जुड़ी सामग्री प्रदर्शित की जाएगी।
प्रदर्शनी का स्वरूप केवल प्रदर्शन तक सीमित नहीं होगा, बल्कि अधिकतर सामग्री बिक्री के लिए भी उपलब्ध रहेगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूहों और स्वयंरोजगार से जुड़े कारीगरों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ होने की उम्मीद है।
ठरवात एवं आसपास के ग्रामीण इलाकों से आने वाले कलाकारों के लिए अलग से स्टाल और मंच की व्यवस्था की गई है। आयोजन समिति का मानना है कि इस तरह के कला हाट से स्थानीय कला-पहचान को न केवल सम्मान मिलता है, बल्कि पर्यटन और सांस्कृतिक संवाद को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
कल पहुंचेंगे राज्यपाल, भारत का स्वत्व विषय पर करेंगे उद्बोधन
संस्कार भारती के दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन 14 दिसंबर को बिहार के राज्यपाल डा. आरिफ मोहम्मद खान बेतिया आएंगे और प्रेक्षागृह में आयोजित मुख्य समारोह में शामिल होंगे।
कार्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार राज्यपाल लगभग सुबह 11:30 बजे प्रेक्षागृह पहुंचकर पहले कला हाट का अवलोकन करेंगे, विभिन्न स्टालों पर जाकर कलाकारों से बातचीत करेंगे और ग्रामीण हस्तशिल्प एवं लोककला की बारीकियों की जानकारी लेंगे।
मंच पर आगमन के बाद राष्ट्रगान, दीप प्रज्वलन और संस्कार भारती के ध्येयगीत से औपचारिक सत्र की शुरुआत होगी। इसी क्रम में स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि पर आधारित डा. दिवाकर राय द्वारा रचित भोजपुरी नाटक ‘फनिया-वध’ का लोकार्पण किया जाएगा। लोकार्पण के बाद थारू लोकनृत्य झमटा की विशेष प्रस्तुति होगी।
इसके बाद भारत का स्वत्व विषय पर राज्यपाल अपना मुख्य उद्बोधन देंगें। विभिन्न क्षेत्रों में सेवा कार्यों के लिए संस्कार भारती द्वारा चयनित विशिष्ट व्यक्तित्वों को सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रगान के साथ दो दिवसीय भोजपुरी कला हाट का समापन होगा।

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