SURYA GRAHAN 2025: वर्ष के दूसरे सूर्य ग्रहण को लेकर उत्सुकता चरम पर...इस बार बन रहा अद्भुत संयोग
इस वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा जो अमावस्या की रात में होगा। यह अंटार्कटिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कुछ देशों में दिखेगा। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। इस दौरान मंदिर खुले रहेंगे और लोग पूर्वजों के लिए श्राद्ध-तर्पण कर सकते हैं। सूर्य ग्रहण का भारत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

संवाद सूत्र, बगहा (पश्चिम चंपारण)। Solar Eclipse 2025: इसे अद्भुत संयोग ही कहा जाए कि 15 दिन पहले चंद्रग्रहण हुआ और अब सूर्य ग्रहण हो रहा। इसकी वजह से वैज्ञानिकों से लेकर सामान्य लोगों में भी एक अलग तरह की उत्सुकता है। हर कोई इसके बारे में जानना चाह रहा है।
15 दिन के अंतराल पर दो ग्रहण
वर्ष का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 सितंबर 2025 यानी रविवार को लग रहा है। 15 दिन के अंतराल में पहले चंद्रग्रहण और अब यह सूर्यग्रहण हो रहा है। इसकी वजह से यह खास है। लोग इसे अद्भुत संयोग मान रहे हैं।
अंटार्कटिका व आस्ट्रेलिया में मुख्य प्रभाव
यह रविवार की रात में 10:59 से शुरू होकर सोमवार की अलसुबह 03:23 तक रहेगा। नरईपुर निवासी आचार्य राजीव कुमार मिश्र ने बताया कि यह सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका व आस्ट्रेलिया के दक्षिणी भागों में न्यू साउथ वेल्स, क्वींसलैंड, तस्मानिया, विक्टोरिया, न्यूजीलैंड, फिजी आदि देशों में ही दिखाई देगा।
रात का समय
जो खगोलीय स्थिति बन रही है उसके हिसाब से यह पूरे भारत में कहीं भी दिखाई नहीं देगा। उससे भी अधिक रात का समय है। इसलिए उस समय तक अधिकांश लोग सो चुके होंगे या सोने की तैयारी कर रहे होंगे। इसलिए यहां इसका प्रभाव नहीं के बराबर ही होगा।
बावजूद यदि कोई नाइट शिफ्ट में काम कर रहे हैं। किसी कारणवश जग रहे हैं तो उन्हें इसके कुछ जरूरी चीजों का अवश्य ध्यान रखना चाहिए। जिससे इसका कोई कुप्रभाव जातक या उसके स्वजन को प्रभावित नहीं करे।
ग्रहण की अवधि और दृश्यता
- ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट होगी।
- यह ग्रहण मुख्य रूप से दक्षिणी प्रशांत महासागर, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।
ग्रहण के प्रभाव
- ज्योतिषीय दृष्टि से यह ग्रहण सभी 12 राशियों को प्रभावित कर सकता है।
- कुछ राशियों के लिए यह समय शुभ फल देने वाला होगा, जबकि कुछ के लिए चुनौतियां ला सकता है।
ग्रहण के दौरान सावधानियां
- ग्रहण के दौरान सोना, यात्रा करना या नए कार्य की शुरुआत करना अशुभ माना जाता है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिससे बचने के लिए गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
ग्रहण के बाद क्या करें
- ग्रहण के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें और पवित्र नदियों में स्नान करें।
- गरीबों को दान करें और भगवान सूर्य को जल अर्पित करें
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