भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में PK के खिलाफ समन
जन सुराज के प्रशांत किशोर के खिलाफ सांसद संजय जायसवाल ने न्यायालय में परिवाद दायर किया, जिसमें झूठे आरोप लगाने की बात है। न्यायालय ने मामले को स्वीकार कर किशोर को समन भेजा है। जायसवाल ने आरोप लगाया कि किशोर ने उन पर पेट्रोल पंप के लाभ के लिए ओवरब्रिज निर्माण में देरी करने का झूठा आरोप लगाया। सूचना के अधिकार में यह आरोप गलत साबित हुआ। जायसवाल ने किशोर पर मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।

यह तस्वीर जागरण आर्काइव से ली गई है।
संवाद सहयोगी, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। राजनीतिक लाभ पाने के लिए झूठे आरोप लगाने और अमर्यादित भाषा के प्रयोग किए जाने के आरोप में जनसुराज के प्रशांत किशोर के खिलाफ न्यायालय में दायर में परिवाद में सोमवार को पश्चिम चंपारण के सांसद डॉ. संजय जायसवाल का बयान दर्ज किया गया।
बयान दर्ज करने के बाद न्यायालय ने मुकदमे को एडमिट करने के साथ ही विशेष दूत के माध्यम से प्रशांत किशोर को समन भेजने का आदेश दिया है। बता दें कि सांसद ने जन सुराज के प्रशांत किशोर के खिलाफ बीते दिन एक परिवाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में दायर कराया था।
यह मुकदमा पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अमरेंद्र कुमार वर्मा और बेतिया न्यायालय के अधिवक्ता चंदिका प्रसाद कुशवाहा ने दायर कराया है।
मुकदमा में आरोप है कि बेतिया आगमन के दौरान प्रशांत किशोर ने डॉ. सांसद संजय जायसवाल पर अपने पेट्रोल पंप के लाभ के लिए छावनी ओवरब्रिज के निर्माण में न सिर्फ देरी की बल्कि उसका एलाइनमेंट बदलवा दिया।
मुकदमा में यह भी आरोप है कि उक्त मिथ्या आरोप सूचना के अधिकार के तहत मांगा गया तो स्पष्ट हुआ कि लगाया गया आरोप बिल्कुल असत्य है।
परिवादी ने आरोपित के खिलाफ लीगल नोटिस किया तो आरोपित ने अपने जवाब में कहा कि यह जानकारी उन्हें जनता के द्वारा मिली है।
मुकदमा में स्पष्ट किया गया है कि बिना सच्चाई जाने प्रशांत किशोर ने सांसद के खिलाफ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया।
उधर, डॉ संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर के खिलाफ अलग से एक करोड़ 25 लाख का मानहानि का भी मुकदमा दायर कराया है। यह मुकदमा अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम प्रतीक आनंद द्विवेदी के न्यायालय में चल रहा है।
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