बगहा में आवारा कुत्तों की नसबंदी, नगर परिषद का अभियान
बगहा नगर परिषद आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या पर सक्रिय हो गया है। शहर में नसबंदी अभियान चलाया जाएगा, जिसमें कुत्तों की पकड़, नसबंदी, एंटी रैबिज वैक्सी ...और पढ़ें

अभियान एनिमल वेलफेयर बोर्ड के मानकों के अनुसार संचालित होगा। फाइल फोटो
संवाद सहयोगी, बगहा (पश्चिम चंपारण)। शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या को लेकर प्रकाशित रिपोर्ट के बाद नगर परिषद सक्रिय हो गया है। परिषद ने शहरवासियों को आवारा कुत्तों से मुक्ति दिलाने के लिए जल्द ही नसबंदी अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है।
इसके तहत कुत्तों की पकड़, नसबंदी, एंटी रैबिज वैक्सीन और सुरक्षित पुनर्वास की प्रक्रिया निभाई जाएगी। शहरवासियों की इस गंभीर समस्या पर दैनिक जागरण लगातार समाचार प्रकाशित करता रहा है।
बीते आठ दिसंबर को आवारा कुत्तों से राह चलना मुश्किल शीर्षक से खबर प्रकाशित किया था। जिसके बाद अब विभाग ने शीघ्र कार्रवाई शुरू की है। नगर परिषद कार्यालय में शुक्रवार को स्वच्छता पदाधिकारी अब्दुल बाकी की अध्यक्षता में सभी स्वच्छता साथियों की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में शहर में लगातार बढ़ रही आवारा कुत्तों की संख्या पर रोक लगाने और लोगों को उनसे होने वाली परेशानियों से छुटकारा दिलाने को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
नगर परिषद की ओर से जल्द ही पूरे शहर में आवारा कुत्तों की नसबंदी और एंटी रैबिज वैक्सीन लगाने का अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान का लक्ष्य शहर की सड़कों और गलियों में घूम रहे कुत्तों की संख्या नियंत्रित करना है, ताकि नागरिकों को सुरक्षा और स्वच्छता दोनों उपलब्ध हो सके।
गले में लगेगा लाल कालर
बैठक में बताया गया कि यह पूरा अभियान एनिमल वेलफेयर बोर्ड की शर्तों के अनुसार चलाया जाएगा। नसबंदी की प्रक्रिया विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में की जाएगी, जिससे पशुओं को किसी प्रकार की अनावश्यक पीड़ा न हो।
नगर परिषद कुत्तों को पकड़ने, एंबुलेंस और वाहन की व्यवस्था करने, स्टरलाइजेशन की सुविधा उपलब्ध कराने और एंटी रैबिज वैक्सीन लगाने की जिम्मेदारी निभाएगी। नसबंदी के दौरान कुत्तों के दाएं कान में वी-नॉच लगाया जाएगा और उनके गले में लाल कॉलर डाला जाएगा, ताकि उनकी पहचान आसानी से की जा सके।
आपरेशन के बाद सेल्टर में रहेंगे कुत्ते
आपरेशन के बाद कुत्तों को कुछ दिन तक शेल्टर होम में रखा जाएगा, जहां उन्हें उचित देखभाल और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। स्वस्थ हो जाने पर उन्हें टैग लगाकर उसी स्थान पर छोड़ दिया जाएगा, जहां से वे पकड़े गए थे। प्रत्येक कुत्ते की जानकारी टैग रजिस्टर में दर्ज की जाएगी, ताकि भविष्य में निगरानी सुगम हो।
बैठक में नगर परिषद के अधिकारियों ने कहा कि यह अभियान पूरी तरह हाइजीन और वैज्ञानिक पद्धति से संचालित किया जाएगा।
बैठक में टाउन प्लानर चंदन कुमार, सिटी मैनेजर चंदन कुमार मद्धेशिया, असिस्टेंट आरटी टेक, स्वच्छता साथी किशोर यादव, राहुल कुमार, आशुतोष कुमार जयसवाल, विकास मिश्रा, राकेश कुमार, साधु, दीक्षा कुमारी, मुस्कान जयसवाल, कोमल कुमारी और अंजू कुमारी उपस्थित थे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।