Smart Prepaid Meter बिहार में घर-घर स्मार्ट मीटर तो लगाया जा रहा है लेकिन इसकी शिकायत भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। ग्रामीणों की शिकायत है कि जब से स्मार्ट मीटर लगा है तब से बिजली बिल बहुत अधिक आने लगा है। हमलोग गरीब आदमी हैं डर से मजबूरी में रिचार्ज करवा लेते हैं। रिचार्ज नहीं करवाते हैं तो बिजली कट जाती है।
संवाद सूत्र, वाल्मीकिनगर (पश्चिमी चंपारण)। Bihar News: थाना क्षेत्र के चंपापुर गोनौली के नरैनापुर में स्मार्ट मीटर लगाते ही बिजली का बिल दोगुना हो गया है। जो ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। उपभोक्ताओं के द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि बिजली कंपनी स्मार्ट मीटर के माध्यम से उपभोक्ताओं की जेब ढीली कर रही है। स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता को विभाग संतुष्ट नहीं कर पा रहा है।
पहले आता था 160 का बिल लेकिन अब 1800 रुपये तक आ रहा बिल
उन्हें लगता है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिजली का बिल अधिक आने लगा है। यही कारण है कि स्मार्ट मीटर लगाए जाने का बिजली उपभोक्ता विरोध कर रहे हैं। कुल मिलाकर स्मार्ट मीटर के स्मार्टनेस पर सवालिया निशान लगने लगा है। उपभोक्ता दया शर्मा ने बताया कि पूर्व में 160 रुपये का बिजली बिल आता था लेकिन वर्तमान में 1200 से लेकर 1800 रुपये का रिचार्ज करना पड़ता है।
रिचार्ज के बावजूद माइनस में जा रहा
विद्युत विभाग द्वारा लगाया गया स्मार्ट प्रीपेड मीटर का बिलिंग उपभोक्ताओं को समझ में नहीं आ रहा है। उपभोक्ता अनिल मुडा ने बताया कि पूर्व का मेरे ऊपर विद्युत विभाग का कोई बकाया नहीं है। रिचार्ज करने के बावजूद माईनस में जा रहा है। जो हमारे लिए परेशानी का सबब बन गया है।
500 रुपया रिचार्ज 10 दिन में ही समाप्त हो जाता
ग्रामीणों का कहना है कि इस स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उन्हें कोई सहूलियत नहीं है बल्कि उनको और ज्यादा बिजली का बिल देना पड़ रहा है, इसलिए उनको यह मीटर नहीं चाहिए। 500 रुपये का रिचार्ज कराते हैं, मोबाइल में दस ही दिनों में बोलता है, आप अपना रिचार्ज कराइए आपकी बिजली जाने वाली है। इसलिए हमको डर से रिचार्ज कराना पड़ता है।
हम लोग गरीब आदमी हैं, कहां से इतना बिल भरेंगे?
ग्रामीणों ने कहा कि हम लोग गरीब आदमी हैं, कहां से हम इतना अधिक बिल भरेंगे? डर से हम एगो पंखा चलाते हैं, गर्मी में मरते हैं बच्चा लेकर के। कमाई कम है और बिल ज्यादा। इस संबंध में विद्युत विभाग के कनीय अभियंता डब्लू महतो ने बताया कि स्मार्ट मीटर और पहले के नॉर्मल मीटर में कोई अंतर नहीं है, सिवाय इसके कि उसमें बिजली खर्च करने के बाद पैसा देना होता था और इस स्मार्ट मीटर में बिजली खर्च करने से पहले पैसा भरना होता है।