कभी जेल से वसूलता था करोड़ों की रंगदारी, कोर्ट परिसर में हुई दिनदहाड़े हत्या
बेतिया सिविल कोर्ट में दिनदहाड़े गोली मार कर एक कुख्यात की हत्या कर दी गई। मृतक जेल में बंद था। उसे पेशी के लिए कोर्ट लाया गया था।
पश्चिमी चंपारण [जेएनएन]। बेतिया सिविल कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े गोली मार एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई। मृतक नाम बबलू दूबे है, जो अपराधी प्रवृति का था। उसके उपर कई मामले दर्ज हैं और वह जेल में बंद था।
बेखौफ अपराधियों ने जिले के कुख्यात बदमाश बबलू दुबे की कोर्ट परिसर में ताबड़तोड़ गोलियांं बरसाकर हत्या कर दी। बदमाशों ने घटना को उस वक्त अंजाम दिया जब उसे पुलिस सुरक्षा में पेशी के लिए कोर्ट में लाया जा रहा था।
बताया जाता है कि तीन की संख्या में आए अज्ञात हमलावरों ने बबलू को निशाना बनाकर ताबडतोड़ फायरिंग की गई। गोली चलते ही कोर्ट परिसर में भगदड़ मच गई। वकील और कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों में गोलियों की आवाज सुनते ही अफरा-तफरी मच गई।
जो जहां था अपनी जान बचाकर भाग खड़ा हुआ। इस दौरान पुलिस भी बदमाशों की सनसनाती गोलियों के सामने असहाय नजर आई। कई गोलियां लगने के बाद बबलू लहूलुहान होकर मौके पर ही गिर पड़ा और वहीं दम तोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक बबलू को मझौलिया के अहवर शेख के मुखिया जवाहर साह की हत्या के मामले में पुलिस रिमांड पर लाया गया था। बबलू की वर्चस्व की राजनीति के चलते पहले भी कई दुश्मनियां थीं। किस दुश्मनी के तहत उसे गोली मारी गई है,इसको लेकर विभिन्न तरह की चर्चा की जा रही है। कोर्ट परिसर को पुलिस प्रशासन ने छावनी में तब्दील कर दिया है। घटना की सूचना पर एसपी विनय कुमार, एसडीपीओ सदर संजय कुमार झा व थानाध्यक्ष नगर कोर्ट पहुंच गए हैं।
इस मामले पर बेतिया के एसपी विनय कुमार ने कहा कि बबलू दुबे कुख्यात अपराधी था। पूरे जिले की नाकेबंदी कर पुलिस हमलावरों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
जेल से किडनैपिंग करवाता था बबलू दुबे
एक समय था कि बबलू दुबे का नाम बिहार के बड़े गैंगस्टर के रूप में जाना जाता था। वह नेपाल में बैठक अपने गैंग को ऑपरेट करता था। उसके बाद जब पुलिस ने पकड़कर उसे जेल भेज दिया तो वहां से भी वह बैठे-बैठे किडनैपिंग करवा लेता था।
अपरहरण कर मांगी थी100 करोड़ की फिरौती
सुरेश केडिया नेपाल के बड़े घराने के उद्योगपति हैं। उनके भाई विमल केडिया वहां सद्भावना पार्टी के सांसद रहे हैं। एक बार सुरेश केडिया नेपाल के बरियारपुर में गढ़ी माई स्थान पर दर्शन लौट रहे थे, तभी बरियारपुर के पश्चिम में हथियारबंद लोगों ने कार रुकवा ली।
अपराधियों ने उन्हें गाड़ी से खींचकर स्कॉर्पियो में बैठाया और बिहार लेकर चले आए। इस दौरान सुरेश केडिया के ड्राइवर सुरेश कानू ने विरोध किया तो उसे तुरंत गोली मार दी। उसके बाद उनके परिवार से 100 करोड़ रुपयों की फिरौती मांगी गई थी।
इस घटना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए बिहार के रक्सौल में तत्कालिन बेतिया एसपी विनय कुमार और एसी मोतिहारी जितेंद्र राणा कहा कि किडनैपर्स के चंगुल से सुरेश केडिया को छुड़ा लिया गया है। यह किडनैपिंग जेल में बद बबलू दुबे ने करवायी है।
इस मामले पर बिहार पुलिस ने कहा कि हमने सुरेश केडिया को छुड़ाया है लेकिन सुरेश केडिया ने बताया था कि मोटरसाइकिल पर कुछ युवकों ने उसे सड़क पर लाकर छोड़ दिया। इसके बाद पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।सुरेश केडिया के पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उन्हें आजाद कराने के लिए किडनैपर्स को 10 करोड़ रुपये की फिरौती दी गई थी। उन्होंने बताया कि फिरौती की रकम काठमांडू से हवाला के जरिए मुंबई भेजी गई। पांच-पांच करोड़ रुपये की दो खेपों में यह पैसा भेजा गया।
नेपाल पुलिस की मदद से बिहार पुलिस ने किया था गिरफ्तार
2013 में नेपाल पुलिस की मदद से ही बबलू दुबे को पकड़ा गया था। उस समय उसके उपर 50 हजार का इनाम था। नीतीश कुमार की सरकार बनते ही वह नेपाल भाग गया था। 28 मई 2013 को, बिहार पुलिस की स्पेशल रिक्वेस्ट पर नेपाल पुलिस ने उसे काठमांडू से गिरफ्तार कर लिया।
इस बात की सूचना जैसे ही बिहार पुलिस को खबर मिली, वो बबलू को लेने नेपाल पहुंच गई। लेकिन नेपाल पुलिस ने उसे एक सप्ताह बाद 4 जून को ही रक्सौल पुलिस को सौंपा था। इसके बाद से वह जेल में बंद था।
बबलू दुबे का अपराधिक इतिहास
मोतिहारी के सिसुवाथान गांव के रहने वाले बबलू छोटी हाइट का सामान्य सा दिखने वाला लड़का है। उसकी उम्र मात्र 31 साल है। देखने में सीधा-साधा इंसान लगता है। कोई उसे देख के यह नहीं कह सकता कि यह कोई बड़ा गैंगस्टर है।
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एक समय था कि बबलू दुबे का नाम बिहार की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में था। उसके उपर हत्या के 36 और अपहरण व फिरौती के दर्जनों मामले दर्ज हैं। बिहार से लेकर नेपाल तक में उसने अपराधिक वारदातों को अंजाम दिया है।उसका धंधा बिहार में कम और नेपाल में ज्यादा चलता था।
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वह मोतिहारी जेल से ही नेपाल के व्यापारियों से फिरौती और रंगदारी वसूलने लगा। कहा जाता है कि उसके पास एक दर्जन नेपाली नंबर थे। जिनसे वह बिहार के बड़े सरकारी कर्मचारियों, उद्योगपतियों, व्यापारियों, ईंटा-भट्टा संचालकों और कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिकों को फोन करके रंगदारी वसूलता था। आज दिनदहाड़े कोर्ट परिसर में इस गैंगस्टर की गोली मार कर हत्या कर दी गई।
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