रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे,मोहे मारे नजरिया सावरिया रे..
बनारस की संस्कृति और गीत संगीत की आबो हवा साठी थाना क्षेत्र के नंद टोला में सुनाई और दिखाई दी। मौका था अपने गांव लौटी उस बेटी के सम्मान समारोह का जो अब बनारस की बहू बन गयी है।
बेतिया। बनारस की संस्कृति और गीत संगीत की आबो हवा साठी थाना क्षेत्र के नंद टोला में सुनाई और दिखाई दी। मौका था अपने गांव लौटी उस बेटी के सम्मान समारोह का जो अब बनारस की बहू बन गयी है। उमेश पाण्डेय की पुत्री खुशबू पाण्डेय झा के सम्मान में गांव उमड़ पड़ा और सांसद सतीश चन्द्र दुबे ने गांव की इस बेटी को शाल और पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। खुशबू ने भी अपने बड़ो का मान रखा और एक एक कर गीत संगीत की ऐसी झाड़ी लगायी की लोग वाह वाह कर उठे। भजन, गजल, दादरा और पूर्वी गीतों की तान खुशबू ने ऐसे प्रस्तुति की कि आवाज सुन अगल बगल के गावों के लोग भी नंद टोला पहुंच गए। पायल बाजे मोरी झांझर प्यारे के रूप में खुशबू ने राग बागेश्वरी की मधुर तान छेड़ी तो रंगी सारी गुलाबी चुनरिया रे, मोरे मारे नजरिया सावरिया रे गीत गाकर लोगों का दिल जीत लिया। गजल और भजन के गीतों से समारोह में चार चांद लगते रहे और तालियों की गड़गड़ाहट से गांव गुंज उठा। उक्त मौके पर सांसद सतीश चन्द्र दुबे ने कहा कि खुशबू हमारे गांव जवार की बेटी है। इसने देश के प्रधानमंत्री के समक्ष भी गीत गाया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। विद्यापति समारोह और बनारसे सुबह में भी अपनी प्रस्तूती देकर पुरस्कृत हो चुकी है। वही खुशबू ने बताया कि वो यहां पली बढ़ी है उसे गीत संगीत की शिक्षा विरासत में मिली है उसके पिता इस मुकाम को दिलाने में हमेशा मददगार रहे। वही अपने भाई नीरज पाण्डेय को भी गीत संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में सहयोग देने की बात कही। गीत संगीत के दौर में बनारस के मशहुर गजल गायक मयंक ¨सह ने भी अपनी प्रस्तुती से मंत्र मुग्ध कर दिया। मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी डा. शिलाजीत ¨सह, थानाध्यक्ष अवधेश झा ,पूर्व भाजपा प्रत्याशी रेणू देवी, पंडित हंकार मणि तिवारी, लौरिया प्रखंड कृषि पदाधिकारी तारकेश्वर राम, राहुल झा व जिला उद्यान पदाधिकारी, रामकुमार मिश्र, राजेश वर्मा, प्रदीप दूबे सहित ग्रामीण मौजूद रहे।
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