West Champaran: सब्जियों की थाली पर बारिश का वार, देखे रेट लिस्ट
पश्चिम चंपारण में लगातार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। खेतों में पानी भरने से सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिसके चलते बाजार में सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। रामनगर में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, धान और सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने इसे मोंथा चक्रवात का असर बताया है।

बारिश के कारण फल-फूल विहीन लत्तीदार सब्जी। जागरण
संवाद सूत्र, जागरण, बगहा ( पश्चिम चंपारण ) । पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बारिश ने आम जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। इस निरंतर वर्षा से खेतों में लगी सब्जियों और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इसका असर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। सब्जियां अब महंगे दामों में बिक रही हैं। सब्जी मंडी में कीचड़ और पानी भर जाने से खरीदारों और विक्रेताओं दोनों को परेशानी हो रही है। करीब एक माह पहले भी आंधी, तूफान और भारी बारिश से किसानों को नुकसान झेलना पड़ा था, अब फिर से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
रामनगर में सबसे अधिक वर्षा
जिला सांख्यिकी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, अनुमंडल में सबसे अधिक बारिश रामनगर में 13.7 मिलीमीटर और सबसे कम मधुबनी में 6.8 मिलीमीटर दर्ज की गई है। बगहा एक में 8 मिलीमीटर, बगहा दो में 10 मिलीमीटर, ठकरहा में 10.8 मिलीमीटर, भितहा में 10.4 मिलीमीटर, पिपरासी में 8.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इस वर्षा से पूरे नगर में जलजमाव की स्थिति बन गई है। बगहा रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार से लेकर नगर के लगभग सभी वार्डों में पानी भरा हुआ है। सबसे खराब स्थिति वार्ड संख्या दो के लुसेंट पब्लिक स्कूल की गली में है, जहां सालों भर पानी जमा रहता है। अन्य वार्डों में भी गलियां जलमग्न हैं, जिससे लोगों की आवाजाही मुश्किल हो गई है।
धान व सब्जियों की फसलों को नुकसान
कृषि विशेषज्ञों प्रकाश रंजन सिंह और अशोक कुमार पांडेय का कहना है कि नई बोआई या नववरोपित फसलें जैसे गन्ना सुरक्षित हैं, लेकिन धान और सब्जियों की तैयार फसल को भारी नुकसान हुआ है। फसल के नुकसान से उत्पादन में गिरावट आना स्वाभाविक है, जिसका असर बाजार में दिखाई देने लगा है। परवल, करेला, नेनुआ, कद्दू, फूल गोभी, पत्तागोभी, मूली और हरी मिर्च जैसी हरी सब्जियों के दामों में तेजी आई है।
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में अक्टूबर माह के इस समय में इतनी बारिश का कोई रिकॉर्ड नहीं है। बुजुर्गों का भी कहना है कि अक्टूबर के बाद इतनी देर से बारिश पहले कभी नहीं हुई। विशेषज्ञ इसे मोंथा चक्रवात का असर बता रहे हैं। इस बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक कोचिंग संस्थान बंद रहे, जबकि विद्यालय खुले तो थे, लेकिन बारिश के कारण छात्र घरों से बाहर नहीं निकले।
सब्जियों का खुदरा भाव
आलू - 20 रुपये किलो
प्याज - 20 रुपये किलो
फूल गोभी - 40 रुपये किलो
बंदा गोभी - 40 रुपये किलो
घेवड़ा - 40 रुपये किलो
टमाटर - 50 रुपये किलो
बोड़ा - 40 रुपये किलो
लौकी - 50 रुपये प्रति
परवल - 35 रुपये किलो
मटर - 200 रुपये किलो
हरी मिर्च - 50 रुपये किलो
बैंगन - 30 रुपये किलो
करैला - 60 रुपये किलो

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