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    नौकरी छोड़ किया मसाले का कारोबार, महिलाओं को रोजगार

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 10 May 2022 12:03 AM (IST)

    बेतिया। नगर के पुरानी गुदरी के चंद्रकांत कुमार(22)ने चनपटिया स्टार्टअप जोन के उद्यमियों से प्रेरणा लेकर खुद का कारोबार खड़ा किया है।

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    नौकरी छोड़ किया मसाले का कारोबार, महिलाओं को रोजगार

    बेतिया। नगर के पुरानी गुदरी के चंद्रकांत कुमार(22)ने चनपटिया स्टार्टअप जोन के उद्यमियों से प्रेरणा लेकर खुद का कारोबार खड़ा किया है। दिल्ली की एक कंपनी में बतौर मजदूर काम करने वाले चंद्रकांत की नौकरी कोरोना के कारण चली गई। इधर- उधर भटकने के बाद उसने खुद का मसाला उद्योग खड़ा कर लिया है। पिछले एक वर्ष में कंपनी का कारोबार 50 लाख के आसपास पहुंच गया है। उसकी कंपनी में 10 महिलाओं को रोजगार भी मिला है। मसाला तैयार करने एवं पैकिग का काम करती है। फैक्ट्री में 20 प्रकार का मसाला तैयार किया जाता हैं। चंद्रकांत को मसाला उद्योग खोलने की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनने के बाद मिली। जुलाई 2020 को उन्होंने छोटे स्तर से मसाले का काम शुरू किया। कार्य के प्रति उनकी लगन को देखते हुए उनके पिता विजय कुमार ने प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम (पीएमईजीपी) की मदद ली। इस योजना के तहत मिलने वाले बिजनेस लोन की खास बात यह हुई कि उन्हें रोजगार बढ़ाने के लिए 15 लाख का ऋण मिला, जिसमें सरकार की ओर से 25 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी मिली। उन्होंने मसाले का काम बड़े स्तर पर करने की शुरुआत की। इसके बाद जमादार टोला में नेंसी ब्रांड के मसाले की फैक्ट्री लगाई। चंद्रकांत बताते हैं कि शुरुआत में ग्राहकों की मांग के अनुसार मसाले तैयार करने के लिए कच्चे माल की कमी हुई थी। काम में ज्यादा मेहनत को देखते हुए उनके बड़े भाई अभिषेक आनंद ने उनके साथ हाथ बटाना शुरू किया।

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    महिलाओं को प्रतिदिन मिल रहा तीन से चार सौ रुपये

    उद्योग में काम कर रही महिला रेणु देवी, आशा देवी, सुनिता देवी, रीता देवी आदि बताती हैं कि मसाला कारखाने से उन्हें अपने मुहल्ले में ही आत्मनिर्भर होने का मौका मिला है। वे प्रतिदिन 80 किलो मसाला तैयार कर पैकिग करती हैं। उन्होंने बताया कि कारखाने में बड़ी और हरी इलायची, लौंग, मेथी दाना, काली मिर्च, हल्दी, धनिया, जायफल, सौंठ, तेजपत्ता, जावित्री, दालचीनी, मरीच आदि का प्रयोग किया जाता है। इस काम में उन्हें प्रतिदिन 300 से 400 रुपये मजदूरी मिल जाती है।

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    जिले से बाहर भी हो रही सप्लाई

    नेंसी ब्रांड मसाले की डिमांड मार्केट में काफी है। चंद्रकांत ने बताया कि गुणवत्ता ठीक होने कें कारण पहले तो जिले भर में हीं मसाले की आपूर्ति हो रही थी। अभी मोतिहारी, गोपालगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर में भी यहां से मसाले की आपूर्ति हो रही है। उद्योग लगाने में अब तक 45 लाख के आसपास रुपये खर्च हुए हैं। धीरे- धीरे कारोबार बढ़ रहा है। महीने में सात- आठ लाख का मसाला तैयार होता है और उसकी मार्केटिग भी हो जाती है।