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    सभापति प्रत्याशी हत्याकांड में पुलिस के हाथ तीन दिन बाद भी खाली, पिता बोले- राजनीतिक साजिश का शिकार हुआ

    By Prabhat MishraEdited By: Manish Negi
    Updated: Mon, 05 Dec 2022 10:21 PM (IST)

    प्रापर्टी डीलर और सभापति प्रत्याशी राजेश श्रीवास्तव की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। हत्या का कारण व्यवसायिक और राजनीतिक रंजिश बताया जा रहा है। पुलिस आरोपियों की तलाश में छापे मार रही है लेकिन अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई पुलिस की तरफ से नहीं देखने को मिली है।

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    प्रापर्टी डीलर और सभापति प्रत्याशी राजेश श्रीवास्तव केस में जांच करती पुलिस।

    वेस्ट चम्पारण, जागरण: प्रापर्टी डीलर और सभापति प्रत्याशी राजेश श्रीवास्तव की तीन दिन पहले हत्या कर दी गई। हत्याकांड को लेकर तीन दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहे। राजेश श्रीवास्तव की हत्या के मामले में शिकारपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में मृतक राजेश के पिता जलेश्वर प्रसाद ने व्या्यवसायिक और राजनीतिक साजिश के तहत षड्यंत्र रचकर बेटे की हत्या का आरोप लगाया है।

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    शिकारपुर थाना की बरवा बरौली गांव निवासी फिरदौस अख्तर और मोनू शर्मा समेत चार लोगों को एफआईआर में नामजद किया गया है। जबकि फिरदौस के पिता शेख सोहेल अख्तर और भाई सबरेज अख्तर पर षड़यंत्र रचने का आरोप है। मृतक के पिता ने दर्ज मामले में बताया है कि बीते शुक्रवार को उनका पुत्र भगवती सिनेमा रोड स्थित एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए गया था। शाम 8:15 बजे उन्हें सूचना मिली कि किसी ने उसके पुत्र को गोली मार दी। उन्होंने बताया कि फिरदौस और मोनू शर्मा ने ही गोली मारी है।

    उनके बेटे के साथ वहां मौजूद लोगों ने बताया कि फिरदौस अख्तर और मोनू शर्मा ने गोली मारी है। जिसके बाद घायल अवस्था में राजेश को अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया और वहां से बेतिया जीएमसीएच में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के क्रम में उनके पुत्र की मौत हो गई।

    आरोप है कि फिरदौस, मोनू शर्मा, सोहेल अख्तर एवं सबरेज अख्तर ने व्यवसायिक एवं राजनीतिक साजिश के तहत षड़यंत्र रचा और कुछ अन्य अज्ञात अपराधियों से मिलकर उनके पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी। थानाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने बताया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। बहुत जल्द हत्यारोपी पुलिस गिरफ्त में होंगे।

    शिकारपुर थाने के बरवा बरौली गांव निवासी फिरदौस अख्तर लखनऊ कैंट पुलिस का भी वांछित है। कुख्यात गोरख ठाकुर हत्याकांड में लखनऊ पुलिस उसे तलाश रही है। इस क्रम में कई बार वहां की पुलिस नरकटियागंज पहुंची। स्थानीय पुलिस के सहयोग से छापेमारी की। लेकिन वह पकड़ में नहीं आ सका।

    लोगों का कहना है कि हत्यारोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए। ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। वैसे कई व्यवसायी भी इस घटना के बाद से एक बार फिर शहर में अपराधिक दबिश की आशंका से चिंतित हैं। सबकी निगाहें हत्यारोपियों की जल्द गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर टिकी हुई है।