वाल्मीकिनगर शिक्षा संस्थान के प्रभारी निलंबित, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर कार्रवाई
वाल्मीकिनगर के शिक्षा प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के प्रभारी प्राचार्य रोशन कुमार गुप्ता को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। विधायक प्रतिनिधि विनय कुमार सिंह के आरोपों के बाद शिक्षा निदेशक ने यह कार्रवाई की। प्राचार्य पर प्रशिक्षु शिक्षकों से वसूली रिश्तेदार को अवैध नियुक्ति और बुनियादी सुविधाओं में अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लगे थे।

संवाद सूत्र, बगहा। शिक्षा प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, वाल्मीकिनगर के प्रभारी प्राचार्य रोशन कुमार गुप्ता को गंभीर आरोपों के चलते निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में शिक्षा निदेशक दिनेश कुमार ने पत्र जारी करते हुए निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बायट दरियापुर निर्धारित किया है। इस अवधि में उन्हें जीवन निर्वहन भत्ता देय होगा।
वाल्मीकिनगर विधायक प्रतिनिधि विनय कुमार सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने राज्य शिक्षा एवं शोध परिषद के निदेशक को पत्र भेजकर तत्कालीन प्राचार्य के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की थी।
आरोपों के अनुसार, वर्ष 2022 में आयोजित डीएलएड की आंतरिक व बाह्य प्रायोगिक परीक्षा में प्रशिक्षु शिक्षकों से प्राचार्य द्वारा वसूली की गई थी। इसके अलावा, उन्होंने अपने एक रिश्तेदार को अक्टूबर 2023 से नवंबर 2024 तक सुपरवाइजर के पद पर नियुक्त कर सर्टिफिकेट के बदले वसूली करवाई।
संस्थान में बुनियादी सुविधाओं की भी भारी अनियमितताएं पाई गईं। पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है और मेस में बाथरूम का पानी सप्लाई किया जाता है। प्रशिक्षुओं को मेनू के अनुसार भोजन नहीं दिया जाता।
दो अंडों के बजाय एक अंडा
सुबह के नाश्ते में दो अंडों के बजाय एक अंडा ही दिया जाता है। कुछ कर्मियों द्वारा ऑनलाइन हाजिरी लगाकर गैरहाजिर रहने, छुट्टी स्वीकृति, संसाधनों की आपूर्ति और उपस्थिति में गड़बड़ी कर राशि निकासी जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए।
शिकायत के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी को जांच की जिम्मेदारी दी गई। जबाव-तलब के दौरान प्राचार्य ने सभी आरोपों को निराधार बताते हुए सक्षम पदाधिकारी से अधिकृत पत्र की मांग कर दी। जांच प्रतिवेदन के आधार पर विभाग ने श्री गुप्ता को निलंबित करने का निर्णय लिया।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
विधायक प्रतिनिधि सिंह ने इस कार्रवाई को न्यायसंगत बताते हुए कहा कि ऐसे कदमों से अफसरशाही और मनमानी पर लगाम लगेगी।
उन्होंने कहा कि नियमों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और वे भ्रष्टाचार के खिलाफ पत्राचार जारी रखेंगे। उल्लेखनीय है कि 2017 में भी तत्कालीन प्राचार्य के खिलाफ शिकायत के बाद कार्रवाई हो चुकी है।
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