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    वोट दिया अब रोटी की तलाश, बगहा से दिल्ली-मुंबई की ट्रेनों में भीड़

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 05:05 PM (IST)

    बगहा में मतदान के बाद, रोजगार की तलाश में लोग दिल्ली और मुंबई की ओर पलायन कर रहे हैं। ट्रेनों में भारी भीड़ देखी जा रही है, क्योंकि मतदाता बेहतर जीवन यापन के अवसरों की तलाश में महानगरों का रुख कर रहे हैं। चुनाव खत्म होते ही, लोगों को अब अपने परिवारों के लिए आजीविका की चिंता सता रही है।

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    दिल्ल-मुंबई की ट्रेनों में भीड़

    संवाद सहयोगी, बगहा। विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद बाहर से आए लोगों का ट्रेन से जाना शुरू हो गया है। या यूं कहे कि प्रवासी कामगार अब अपने काम पर लौटने लगे है। थरुहट क्षेत्र के टिकुलिया निवासी मोहन पासी, छतरौल निवासी रमेश चौधरी, मझौवा निवासी सुखदेव चौतरिया सहित आधा दर्जन लोग सोमवार को आनंद विहार जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर गाड़ी की प्रतीक्षा करते नजर आए। 

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    रक्सौल से खुलकर आनंद विहार जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस बगहा स्टेशन पर पहुंची तो सभी लोग सामान्य श्रेणी की बोगी में चढ़ने के लिए आपाधापी करते दिखे। कुछ चढ़े तो कुछ कामगार बोगी में जगह नहीं होने के कारण स्टेशन पर ही दूसरी स्पेशल गाड़ियों के इंतजार में रह गए। 

    सामान्य से लेकर शयनयान बोगी तक भीड़

    उक्त ट्रेनों की सामान्य से लेकर शयनयान बोगी तक यात्रियों से भरी रही। सबको अपनी मंजिल तक जाने की जल्दी रही। किसी तरह यात्री अपना सामान लिए बोगी में सवार हो गए। हालांकि इनके सहयोग में रेलवे पुलिस सजग दिखी। 

    प्रवासी कामगार महेश राम, गणेश कुमार, वीरेन्द्र शर्मा आदि ने बताया कि अपना व अपने परिवार का भरण-पोषण और जिम्मेदारी के कारण इस तरह की यात्रा की जा रही है। वोट देने घर आए थे। वोट और वोटों की गिनती भी हो गई। अब काम करना भी जरूरी है। इसलिए वापस अपने काम पर जा रहे हैं। हमलोगों के लिए यहां रोजी-रोजगार की व्यवस्था नहीं है। अब नेता फिर से चुनाव जीते हैं, अब कुछ नया होने की उम्मीद है ।

    अपना जीवन यापन ही प्राथमिकता

    इन दिनों रोज स्टेशन पर प्रवासी लोगों की भारी भीड़ दूसरे प्रदेशों में जाने के लिए नजर आती है। इन दिनों छोटा हो या बड़ा स्टेशन, हर जगह लोगों की भीड़ रहती है। दैनिक यात्रियों की कौन कहे, यहां प्रवासी कामगारों से बोगी भरी रह रहती है। 

    परदेशी कामगारों की वापसी रोजगार और जीवनयापन की प्राथमिकता को दर्शाता है, जो उन्हें अपने राज्य बिहार में नहीं मिल सका। वरना कौन चाहेगा, अपने अपना घर-परदेश सब छोड़कर, भीड़ में धक्के खाते हुए दूसरे राज्य जाना। 

    यहां से सैकड़ों लोग प्रतिदिन दिल्ली, बंगलोर, मुंबई, सूरत, आगरा जा रहे हैं। लगभग नियमित चलने वाली एक्सप्रेस, सुपरफास्ट या फिर स्पेशल गाड़ियों में यात्रियों की खचाखच भीड़ नजर आ रही है ।