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    धरातल पर दम तोड़ रही PM Awas Yojana? 7 सालों से घर के इंतजार में भूमिहीन, ग्रामीण विकास विभाग ने तलब की रिपोर्ट

    प्रधानमंत्री आवास योजना बिहार में दम तोड़ती दिख रही है। बिहार के बेतिया जिले में भूमिहीन सात वर्ष से आवास की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हैरानी की बात तो यह कि पिछले दो सालों से जिले को पीएम आवास योजना का कोई लक्ष्य ही नहीं मिला है। आपको यह जानकर भी आश्चर्य होगा कि जिनके पास अपनी जमीन है उन्हें भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है।

    By Shashi MishraEdited By: Rajat MouryaUpdated: Sun, 22 Oct 2023 03:11 PM (IST)
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    धरातल पर दम तोड़ रही पीएम आवास योजना? 7 सालों से घर के इंतजार में भूमिहीन (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, बेतिया। PM Awas Yojana In Bihar जिले में भूमिहीनों को आवास की प्रतीक्षा में सात वर्ष बीत गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आठ वर्ष पूर्व 793 भूमिहीन परिवार चिह्नित किए गए थे। इसके अलावा, वर्ष 2021-22 में 179 भूमिही परिवार चिह्नित गए। इस तरह प्रतीक्षा सूची में 972 हो गए। लेकिन इन भूमिहीन परिवारों में 13 ही ऐसे मिले जिन्हे संबंधित अंचल की ओर से भूमि उपलब्ध कराई गई और उन्हें आवास योजना का लाभ दिया गया।

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    इसमें सर्वाधिक लाभुकों की संख्या बैरिया अंचल में है, यहां भूमिहीन परिवारों को जमीन उपलब्ध कराने के बाद उन्हें आवास योजना का लाभ दिया गया। ऐसे में लंबित परिवारों की संख्या 959 है। प्राविधान के अनुसार, चयनित भूमिहीनों को भूमि खरीदारी के लिए के लिए भी राशि मुहैया कराई जाती है।

    केवल तीन अंचलों से उपलब्ध कराई गई जमीन

    इसमें प्रतीक्षा सूची में शामिल परिवारों को या तो अंचल की ओर से जमीन आवंटित कराई जाती है या फिर जमीन की खरीद के लिए रिपोर्ट जिले को भेजने की जरूरत होती है, लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि इतने समय बीतने के बाद केवल तीन अंचलों से जमीन उपलब्ध कराई गई। हालांकि उप विकास आयुक्त के स्तर से संबंधित सीओ को इस बाबत रिपोर्ट भेजने को कहा गया है।

    जिले में दो वर्षों से आवास योजना का नहीं मिला कोई लक्ष्य

    ग्रामीण विकास विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार जिले मे पिछले दो वर्षों से पीएम आवास योजना का कोई लक्ष्य नहीं मिला है। ऐसे लोग जिनके पास अपनी जमीन है, उन्हें भी इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस तरह के लोगों की संख्या सर्वेक्षित सूची में 8113 है। इन्हें दो वर्षों से आवास की टकटकी लगी हुई है। इधर, ग्रामीण विकास विभाग नए लक्ष्य नहीं मिलने से इस दिशा में कोई पहल नहीं कर पा रहा है।

    पूर्व में स्वीकृत आवासों में 97 प्रतिशत का हो चुका है निर्माण

    वर्ष 2016-17 से 2021-22 में 157635 आवासों में से 154457 आवासों के मामले में पहली किस्त का भुगतान कर दिया गया है। इसमें अपूर्ण आवास 3178 है। इसमें 1730 आवासों में द्वितीय किश्त का भुगतान शेष है और 1768 मामले में तृतीय किस्त का भुगतान नहीं हुआ है। उप विकास आयुक्त अनिल कुमार ने सभी अपूर्ण आवासों को शीघ्र पूरा करने की हिदायत दी है।

    अंचलों को जमीन चिह्नित कर शीघ्र इसकी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि जरूरतमंदों को आवास उपलब्ध कराया जा सके। - अनिल कुमार, उप विकास आयुक्त, पश्चिम चंपारण

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