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    NH 727 AA के निर्माण में भू अर्जन के लिए 1394 रैयतों को नोटिस, बिहार से यूपी की दूरी होगी कम

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 04:31 PM (IST)

    बेतिया के मनुआपुल से सेवरही तक एनएच 727 एए के निर्माण के लिए 160 हेक्टेयर से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। 1394 रैयतों को नोटिस भेजा गया है, लेकिन मुआवजे के लिए अभी तक कोई आगे नहीं आया है। सड़क और पुल बनने से दियारा क्षेत्र के लोगों को फायदा होगा और उत्तर प्रदेश की दूरी कम हो जाएगी।

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    जागरण संवाददाता, बेतिया। मनुआपुल से उत्तर प्रदेश के सेवरही तक एनएच 727 एए के निर्माण में भू अर्जन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस प्रक्रिया में 160.9391 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए 1394 रैयतों को नोटिस भेजी जा चुकी है। इसमें कई रैयतों की ओर से दर को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई गई है। अब तक किसी भी रैयत ने मुआवजा के लिए आगे नहीं आए हैं।

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    विभागीय अधिकारियों का मानना है कि चुनाव के चलते यह स्थिति हुई है। अब रैयत मुआवजे के लिए आएंगे। एनएच727एए बेतिया के मनुआपुल से गंडक नदी के रास्ते सेवरही के तिवारी पट्टी को जोड़ने वाली29.24 किलोमीटर एनएच का निर्माण कराया जाना है।

    इसके लिए चनपटिया, बैरिया, योगापट्टी एवं ठकराहां प्रखंडों में भूअर्जन किया जाना है। सड़क निर्माण के अलावा गंडक नदी पर बनने वाला पुल की लंबाई 11.24 किलोमीटर होगी। इस सड़क के बन जाने के बाद इस क्षेत्र के विकास की दिशा में गति मिलेगी। इसके अलावा बेतिया से उत्तर प्रदेश की दूरी भी कम हो जाएगी।

    अभि तक मुआवजा के लिए नहीं आए एक भी रैयत

    थ्री डी प्रकाशन के बाद चिह्नित उन रैयतों को नोटिस भेजी गई है, जिनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाना है, लेकिन नोटिस भेजे करीब तीन माह से अधिक हो गए हैं, लेकिन अभी तक मुआवजे के लिए रैयत नहीं आए हैं। कुछ रैयतों ने जिला भू अर्जन कार्यालय में दर को लेकर आपत्ति भी दर्ज कराई है।

    इधर, जिला भू अर्जन पदाधिकारी अमरेंद्र्र कुमार ने बताया कि रैयतों को नोटिस भेजी गई है। नियमानुसार उनकी जमीन के मुआवजे का भुगतान किया जाएगा।

    पुल और सड़क निर्माण हो जाने के बाद बदलेगी जिले की तस्वीर

    पुल एवं सड़क का निर्माण हो जाने के बाद सबसे ज्यादा दियारे के लोगों को होगा। दियारा के गांवों को शहरी क्षेत्र से सीधा कनेक्शन हो जाएगा। यहां के 30 हजार से अधिक आबादी की आर्थिकी भी बदल जाएगी। दूसरी ओर जिला मुख्यालय एवं आसापास के प्रखंडों से उत्तर प्रदेश की दूरी काफी कम हो जाएगी।