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    Bihar: बगहा में नवजात की तड़प-तड़पकर मौत, कई घंटों के बाद पहुंची एंबुलेंस; परिजन ने अस्‍पताल में किया हंगामा

    By Abu SabirEdited By: Prateek Jain
    Updated: Thu, 14 Sep 2023 06:04 PM (IST)

    Bagaha News बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में गुरुवार की सुबह समय से एंबुलेंस नहीं पहुंचने से एक नवजात की मौत हो गई। आक्रोशित ग्रामीणों ने सुबह दस बजे जमकर हंगामा किया। काफी देर हंगामा करने के बाद स्वजनों को जैसे-तैसे समझाया गया। सेमरा बाजार निवासी विजय राज की पत्नी रुबी देवी को सुरक्षित प्रसव के लिए बगहा अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

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    नवजात को गोद में लेकर एंबुलेंस का इंतजार करती महिला। फोटो- जागरण

    बगहा, संवाद सहयोगी: अनुमंडलीय अस्पताल में गुरुवार की सुबह समय से एंबुलेंस नहीं पहुंचने से एक नवजात की मौत हो गई।

    आक्रोशित ग्रामीणों ने सुबह दस बजे जमकर हंगामा किया। आधा घंटे के हंगामा के बाद स्वजन माने। एक दिन पहले ही अस्पताल प्रबंधन ने नया नियम बनाते हुए तुरंत एंबुलेंस मिलने का दावा किया था।

    सेमरा थाना क्षेत्र सेमरा बाजार निवासी विजय राज की पत्नी रुबी देवी को सुरक्षित प्रसव के लिए बगहा अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां गुरुवार की सुबह सात बजे उसने नवजात को जन्म दिया।

    जन्‍म के थोड़ी देर बाद बिगड़ी नवजात की तबीयत 

    जन्म के कुछ देर बाद नवजात की तबीयत बिगड़ने लगी। स्थिति गंभीर देख चिकित्सकों ने उसे जीएमसीएच बेतिया के एनआईसीयू के लिए रेफर कर दिया।

    इस दौरान ईमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) के कहने पर स्वजन तकरीबन दो घंटे तक 102 एंबुलेंस सेवा को फ़ोन करते रहे, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। फोन रिसीव होने के बाद चालक एंबुलेंस लेकर पहुंचा। इससे पहले नवजात ने तड़प- तड़प कर दम तोड़ दिया।

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    इसके उपरांत स्वजन का गुस्सा फूट पड़ा और जमकर हंगामा करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर अपनी भड़ास निकाली।

    बता दें कि एक दिन पहले ही अस्पताल प्रबंधन ने पीडीपीएल के नये नियम के अनुसार, गंभीर मरीज की पर्ची अस्पताल से संबंधित ग्रुप में डाल देने पर तुरंत एंबुलेंस मिलने की बात कही थी, लेकिन ईमटी ने इस नियम को मानने से इनकार करते हुए प्रसूता के स्वजन से 102 पर फोन करने की बात कही।

    इन्हें भी किया गया था रेफर

    भैरोगंज थाना क्षेत्र के नड्डा गांव निवासी डोमा सहनी की पत्नी राधा कुमारी को प्रसव हुआ था। उसे भी चिकित्सक डॉ. संजय गुप्ता ने रेफर कर दिया। बनकटवा निवासी अरबाज की पत्नी खुशबू खातून के नवजात को भी रेफर कर दिया। एक साथ तीन नवजात को चिकित्सक द्वारा एक साथ रेफर करने को लेकर भी चर्चा हो रही है।

    तुरंत एंबुलेंस मिलने का किया गया था दावा

    मंगलवार को एंबुलेंस को लेकर हुई परेशानी के बाद कॉल नहीं लगने पर पर्ची को ग्रुप में डालते हुए अस्पताल प्रबंधन ने नई व्यवस्था बुधवार से ही लागू किया है। बावजूद नवजात की मौत हो गई।

    बता दें कि यूपी और नेपाल सीमा पर स्थित बगहा अनुमंडलीय अस्पताल में लगातार एंबुलेंस की दिक्कतें आ रही हैं। पीडीपीएल द्वारा नए नियम बनाने से परेशानी के कारण तीन दिन तक एंबुलेंस का संचालन नाममात्र हुआ था।

    ऐसी स्थिति में गंभीर मरीज जब रेफर हो रहे है। तब समस्या आ रही है। घटना के बाद नवजात के स्वजन का रो-रो कर हाल बेहाल है।

    कर्मियों की लापरवाही ने ले ली जान

    आपातकालीन सेवा के लिए एंबुलेंस काम आती हैं । पर नियम ही डिजिटल हो अर्थात 102 पर कॉल कर निबंधन कराने के बाद ही सेवा मिलेगी तो भला अस्पताल आये मरीजों को उक्त नियम के तहत कितना लाभ मिलता होगा। यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

    सिस्टम का दोष कहे या कर्मियों की लापरवाही जो नवजात की जान ले ली । वह नवजात जो अभी मां के गर्भ से निकल कर इस दुनिया में कदम रखा ही था कि अनुमंडलीय अस्पताल में समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण मौत हो गई ।

    पूर्व में एंबुलेंस को लेकर जो समस्या थी, उसको दूर कर लिया गया था, लेकिन आज की घटना में एंबुलेंस में ईएमटी की लापरवाही सामने आई है। सिविल सर्जन और एंबुलेंस के एसीओ को इस मामले की जानकारी देते हुए ईमटी अमित शाही को यहां से स्थानांतरित करने व कार्रवाई लिए पत्राचार किया गया है। - डॉ. के.बी.एन. सिंह, उपाधीक्षक, अनुमंडलीय अस्पताल, बगहा

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