नेपाल में सोशल मीडिया एप पर बैन से बॉर्डर इलाकों को भारी आफत, 12 रुपये प्रति मिनट पर हो रही बात
नेपाल में 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद होने से सीमावर्ती क्षेत्रों में परेशानी बढ़ गई है। पर्यटकों की संख्या घटी है होटल खाली हो रहे हैं और लोगों को परिजनों से संपर्क करने में दिक्कत हो रही है। अंतरराष्ट्रीय कॉल महंगी होने से आम आदमी पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

संवाद सूत्र, त्रिवेणी। नेपाल में फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, मैसेंजर सहित कुल 26 इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म बंद होने के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में रह रहे मधेशी समुदाय के लोगों के साथ-साथ होटल व्यवसायियों और पर्यटकों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वाल्मीकिनगर सीमा से सटे नेपाल के त्रिवेणी में हर दिन एक हजार से अधिक पर्यटक जाते हैं। यहां लगभग 15 होटल हैं। यहां पर्यटकों की संख्या घट कर 200 से 300 तक हो गई है।
होटल में पर्यटकों के लिए वाई-फाई सुविधा निशुल्क दी जाती है, बड़ी संख्या में पर्यटक इस सुविधा से भी वहां जाते थे कि आसानी से लोगों से बातचीत हो जाएगी, लेकिन अब संभव नहीं हो पा रहा है। होटल खाली रह जा रहे हैं।
अब महंगी हुई बातचीत
त्रिवेणी स्थित होटल हेवेन के प्रोपराइटर संतोष निगम ने बताया कि नेपाल सरकार के इस निर्णय का सीधा असर मधेशी समुदाय पर पड़ रहा है, जिनके रिश्तेदार बिहार, उत्तर प्रदेश और भारत के अन्य राज्यों में रहते हैं।
सोशल मीडिया के बंद हो जाने से लोग अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें महंगे दर पर अंतरराष्ट्रीय कॉल करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि नेपाल से भारत कॉल करने पर पांच रुपये प्रति मिनट और भारत से नेपाल कॉल करने पर 12 रुपये प्रति मिनट शुल्क लगता है, जिससे आम लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
होटलों में लगा वाई-फाई शो पीस
त्रिवेणी के ही होटल रॉयल पीस के प्रोपराइटर सुरेश गुप्ता ने बताया कि भारतीय पर्यटकों की सुविधा के लिए होटल में वाई-फाई लगाया गया है, लेकिन नेपाल की सिम में ही इंटरनेट मीडिया अकाउंट बंद कर दिए गए हैं, जिससे इंटरनेट पूरी तरह बेअसर हो गया है।
उन्होंने कहा कि इससे होटल में ठहरने वाले भारतीय पर्यटकों को अपने घर परिवार से संपर्क करने में काफी कठिनाई हो रही है। उन्होंने चिंता जताई कि यदि जल्द हालात नहीं सुधरे, तो पर्यटन पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
वाट्एसप बंद होने से पर्यटकों से नहीं हो रहा संपर्क
होटल माइला दाई के प्रोपराइटर ज्ञान बहादुर थापा ने बताया कि उनके होटल में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, पडरौना, महाराजगंज और बिहार के बेतिया व मोतिहारी से पर्यटक आते हैं।
अधिकतर ग्राहक व्हाट्सएप के जरिए ही बुकिंग और खाने-पीने की व्यवस्था की जानकारी पहले से दे देते थे, जिससे होटल उनके मुताबिक तैयारी कर लेता था, लेकिन इंटरनेट मीडिया बंद होने से पिछले तीन दिनों से पर्यटकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, जिससे बुकिंग में गिरावट आ गई है। उन्होंने कहा कि यदि स्थिति ऐसी ही रही, तो उन्हें भी मजबूरी में भारतीय सिम कार्ड का सहारा लेना पड़ेगा।
कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन
नेपाल सरकार के इस निर्णय के खिलाफ युवाओं में जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है। कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। युवाओं का कहना है कि सरकार ने बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए डिजिटल संचार के अहम माध्यमों को बंद कर दिया है, जिससे छात्रों, व्यवसायियों और आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है।
लोगों का कहना है कि सरकार का यह कदम डिजिटल निगरानी और नियंत्रण के दृष्टिकोण से लिया गया हो सकता है, लेकिन बिना पूर्व सूचना और वैकल्पिक व्यवस्था के लागू किए जाने से आम नागरिकों की दैनिक जीवनचर्या बाधित हो रही है। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो इसका असर नेपाल के पर्यटन और व्यापार पर भी देखने को मिलेगा।
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