पश्चिमी चंपारण: यात्री बस के हुए ब्रेक फेल, बाइक सवार पिता-पुत्र को रौंदकर पलटी, कई घायल; चालक-खलासी फरार
बसंतपुर-पुरुषोत्तमपुर मुख्यमार्ग में बभनौली गांव के समीप शनिवार की सुबह नौ बजे शिवलोक कंपनी की एक यात्री बस का ब्रेक फेल हो गया। ब्रेक फेल होने के कारण बस बाइक सवार पिता-पुत्र को रौंद कर पलट गई जिसमें बस में सवार पांच यात्री गंभीर रुप में घायल हो गए। बस की टक्कर से जख्मी पिता-पुत्र भेड़िहरवा गांव निवासी संतोष कुमार (35) एवं अंकित कुमार (12) को गंभीर चोट लगी है।

मैनाटांड (पश्चिमी चंपारण), संवाद सूत्र: बसंतपुर-पुरुषोत्तमपुर मुख्यमार्ग में बभनौली गांव के समीप शनिवार की सुबह नौ बजे शिवलोक कंपनी की एक यात्री बस का ब्रेक फेल हो गया। ब्रेक फेल होने के कारण बस बाइक सवार पिता-पुत्र को रौंद कर पलट गई, जिसमें बस में सवार पांच यात्री गंभीर रुप में घायल हो गए।
बस की टक्कर से जख्मी पिता-पुत्र भेड़िहरवा गांव निवासी संतोष कुमार (35) एवं अंकित कुमार (12) को गंभीर चोट लगी है। अंकित के दोनों पैर टूट गये हैं। वहीं, संतोष कुमार के सिर और सीने पर चोट लगी है। दोनों को गंभीर हालत में रेफर किया गया है।
वहीं, बस में सवार झंझरी गांव के योगिंदर राम (45), दिउलिया गांव के दीना राम (40) तथा उनकी मां दुखनी देवी (65), पीपरपाती गांव के सबरून खातून (32) तथा जब्दी गांव की राजवंती देवी (45) का उपचार सीएचसी मैनाटांड़ में चल रहा है।
दुर्घटना के बाद बस का चालक और खलासी फरार हो गए। थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिंहा ने बताया कि बस को जब्त कर लिया गया है। फरार चालक और खलासी की खोज की जा रही है।
यात्रियों को बैठाने में विलंब के कारण चालक ने बदला रूट
शिवलोक कंपनी की बस सुबह 7:30 बजे रामपुर से खुली। बस को 8:50 बजे मैनाटांड़ पहुंचना था, लेकिन यात्रियों को बैठाने के चक्कर में बस लेट हो गई। इस वजह से चालक ने रुट डायवर्ट कर दिया। रमपुरवा गांव के समीप से घोड़ासन तटबंध पकड़कर बाइपास बस लेकर आया।
यात्री संजीव कुमार ने बताया कि बस काफी तेज रफ्तार में चला रहा था। बभनौली गांव के समीप सड़क के किनारे बाइक पर भेड़िहरवा गांव निवासी संतोष कुमार एवं अंकित कुमार बैठे थे। संतोष मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे। इसी दौरान बस ने ठोकर मार दी। दोनों सड़क पर बेसुध हो गए और बस सड़क के किनारे पलट गई।
बस की खिड़की तोड़ ग्रामीणों ने यात्रियों को निकाला
दुघर्टना के बाद बभनौली गांव के लोग दौड़कर पहुंचे और बस की खिड़की तोड़कर यात्रियों को निकाला। ग्रामीणों की सूचना पर थानाध्यक्ष राजीव नंदन सिन्हा दरोगा, रामसेवक सिंह सदल बल के साथ पहुंचे।
ग्रामीणों ने बताया कि बस काफी जर्जर अवस्था में है, जिस रुट से यह बस जा रही थी, उस रुट से अन्य यात्री बसें नहीं जाती हैं, क्योंकि बसों के परिचालन का समय निर्धारित है। इस वजह से विलंब होने पर चालक दूसरे रास्ते से जल्दी पहुंचने की फिराक में जा रहा था।
बेटे को स्कूल पहुंचाने जा रहे थे संतोष
भेड़िहरवा गांव निवासी संतोष कुमार अपने पुत्र अंकित कुमार को स्कूल पहुंचाने जा रहे थे। रास्ते में बभनौली गांव के समीप फोन पर बात करने के लिए सड़क किनारे रुके थे। बाइक पर पिता-पुत्र सवार थे। इस दौरान पीछे से बस ने ठोकर मार दी। बताया जाता है कि अंकित मैनाटांड़ में मदर इंटरनेशनल स्कूल में चौथी कक्षा का छात्र है।
माफ कीजिए.. एंबुलेंस में डीजल नहीं है...
पंकज कुमार, मैनाटांड़: बसंतपुर से पुरुषोत्तमपुर मुख्यमार्ग में बभनौली गांव के समीप बस दुर्घटना के बाद ग्रामीणों ने मानवता का बेमिसाल परिचय दिया। गांव के दो दर्जन से अधिक युवाओं की टोली बस से दबे यात्रियों को निकालने में अथक परिश्रम की, उसके बाद जख्मियों को अस्पताल पहुंचाने की मशक्कत शुरु हुई।
उप मुखिया धनंजय कुमार ने बताया कि सीएचसी में एंबुलेंस के लिए फोन किया गया तो जवाब मिला कि माफ कीजिए, एंबुलेंस में डीजल नहीं है।
सीएचसी से महज दो किलोमीटर दूर अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस भेजने से इन्कार कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि दुर्घटना होने के तुरंत बाद इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधक को दी गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधक के द्वारा घटनास्थल पर एंबुलेंस नहीं भेजा गई, जैसे-तैसे सभी घायलों को निजी सवारी से अस्पताल पहुंचाया गया।
उधर, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विजय कुमार चौधरी ने बताया कि अस्पताल में दो एंबुलेंस है, जबकि एक एंबुलेंस क्षेत्र में मरीज लेकर गई हुई थी। वही, दूसरी एंबुलेंस में पिछले तीन दिनों से डीजल नहीं होने के कारण कार्य बाधित है। उन्होंने बताया कि एंबुलेंस में सप्ताह में दो से तीन दिन डीजल नहीं होने की समस्या बनी रहती है। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदन भेजा गया है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।