New GST Rates 2025: मिक्सर-जूसर से लेकर मोबाइल चार्जर-टीवी तक... सरकार के फैसले से क्या-क्या सस्ता हुआ?
केंद्र सरकार ने त्योहारों से पहले जीएसटी दरों में कटौती करके आम आदमी और व्यापारियों को राहत दी है। रोजमर्रा की वस्तुएं और घरेलू सामान सस्ते होने से उप ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, बगहा। त्योहारों से ठीक पहले केंद्र सरकार ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों में कटौती का एलान कर दिया है। यह फैसला आम आदमी से लेकर व्यापारी वर्ग तक, सबके लिए राहत भरी खबर साबित हुआ है। रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं, घरेलू सामान और कुछ सेवाएं सस्ती हो गई हैं। इससे जहां उपभोक्ताओं को सीधी बचत होगी, वहीं व्यापारियों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
क्या बदला है जीएसटी में?
नई दरों के अनुसार, किचन और घर में इस्तेमाल होने वाले सामान जैसे मिक्सर, जूसर, प्रेशर कुकर, फ्राई पैन, चम्मच, प्लेट, पानी की बोतल, स्टील और प्लास्टिक के कई घरेलू सामान पर जीएसटी घटा दिया गया है।
पहले इन पर 18 प्रतिशत टैक्स लगता था, जो अब घटकर 12 प्रतिशत हो गया है। इसी तरह, बच्चों के उपयोग की वस्तुएं जैसे स्कूल बैग, ड्रॉइंग बुक, स्टेशनरी आदि पर भी टैक्स में कमी की गई है।
कपड़े और रेडीमेड गारमेंट्स पर:
जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। त्योहारों में कपड़ों की खरीदारी अधिक होती है, ऐसे में यह कदम सीधे आम उपभोक्ता के लिए फायदेमंद साबित होगा। मोबाइल चार्जर, टीवी (32 इंच तक), मोबाइल कवर, कुछ इलेक्ट्रॉनिक एक्सेसरीज पर भी टैक्स घटाया गया है।
आम लोगों की राय:
हर महीने का खर्चा महंगाई की वजह से बिगड़ जाता था। अब जब जरूरी सामान सस्ता होगा तो बचत भी होगी और त्योहारों में बच्चों की डिमांड भी पूरी कर पाएंगे। - अमित कुमार, बगहा
जीएसटी दरों में कटौती से मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। जब रोजमर्रा की चीजें सस्ती होंगी तो जीवन थोड़ा आसान हो जाएगा। - निशा कुमारी, गृहिणी
व्यापारियों की उम्मीदें:
त्योहारों में ग्राहक कपड़े जरूर खरीदते हैं। जब दरें कम होंगी तो वे ज्यादा खरीदारी करेंगे। इससे हमारी बिक्री भी बढ़ेगी। - राजेश कुमार, कपड़ा व्यापारी
टीवी, मोबाइल और छोटे घरेलू सामानों की मांग बढ़ेगी। दरें कम होने से ग्राहक भी आकर्षित होंगे और हमें भी फायदा होगा। - मुन्ना कुमार, इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार
जीएसटी दरों में कटौती का असर सीधे अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा। त्योहारों में खर्च बढ़ेगा, उपभोग में तेजी आएगी और बाजार में रौनक लौटेगी। इससे सरकार को टैक्स का नुकसान नहीं होगा, बल्कि ज्यादा बिक्री से राजस्व बढ़ेगा। - डिंकी अग्रवाल, गृहिणी

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