अजब-गजब बिहार: सरकार ने घर-घर बाटे हरे-नीले डस्टबिन, ग्रामीण उसमें कचरे की जगह रख रहे आलू-प्याज
लोहिया स्वच्छ अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज टू में चयनित मधुबनी प्रखंड के पंचायतों में योजना फेल साबित हो रही है। ग्राम पंचायतों में भी घर-घ ...और पढ़ें

धनहा (पश्चिम चंपारण), संवाद सूत्र: लोहिया स्वच्छ अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज टू में चयनित मधुबनी प्रखंड के पंचायतों में योजना फेल साबित हो रही है।
शहरों की तरह ग्राम पंचायतों में भी घर-घर से कचरा का उठाव करने और ठोस एवं तरल कचरे के निबटारे के लिए मधुबनी प्रखंड में दस लाख रुपये खर्च किए गए हैं।
घरेलू काम में डस्टबिन का उपयोग कर रहे ग्रामीण
प्रखंड में दस पंचायते हैं, जिसमें पांच पंचायत लोहिया स्वच्छ अभियान एवं स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज टू में चयनित है। केंद्र सरकार के साथ प्रदेश सरकार भी गांव को साफ, सुंदर और स्वच्छ बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
गांव में शत प्रतिशत स्वच्छता अपनाने में ठोस एवं तरल अपशिष्ट पदार्थ के लिए हरा एवं नीला डस्टबिन वार्ड के प्रत्येक परिवार में दिया गया है, लेकिन ग्रामीण इन डस्टबिन का उपयोग कचरा रखने की जगह घरेलू काम में कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इसका उपयोग अपने प्रतिष्ठान पर कर रहे हैं।

ग्रामीणों में डस्टबिन उपयोग करने के प्रति जागरूक नहीं किया गया तो योजना पूरी तरह से फेल हो जाएगी, जिस उद्देश्य से योजना को चालू किया गया है, वह योजना कारगर साबित नहीं हो रही है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक जगहों पर कचरा निस्तारण को लेकर बड़े-बड़े डस्टबिन लगाए जाने की योजना है। अभी सब कुछ धरातल पर नहीं दिख रहा है।
लोगों में जागरूकता की कमी, अभियान चलाने की आवश्यकता
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के द्वितीय चरण के तहत पंचायतों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छता अभियान चलाने को लेकर सरकार पहल कर रही है।
सरकार ने सात निश्चय पार्ट-2 के तहत स्वच्छ गांव समृद्ध गांव योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत मिशन के सपने को साकार करने को लेकर यह अभियान चल रहा है।
इस अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस एवं तरल कचरे के प्रबंधन का कार्य किया जाएगा एवं इससे तैयार जैविक खाद से खराब हो रही उर्वरा शक्ति पर विराम लगाने के साथ-साथ स्वच्छता अभियान को भी सफल बनाया जाएगा।
शुरुआती दौर में ग्रामीण योजना के प्रति जागरूक नहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि योजना के प्रति गांव में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। लोगों को डस्टबिन का उपयोग करने और रखरखाव के प्रति अभियान चलाना चाहिए।
अगर समय रहते प्रशासन इन मुद्दों पर अमल नहीं करती है तो डस्टबिन का उपयोग करने से पहले बर्बाद हो जाएगा। योजना को शत प्रतिशत लागू करने पर गांव भी शहरों की तरह साफ और स्वच्छ दिखेगा।
ग्रामीणों को डस्टबिन का उपयोग करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। स्वच्छता के प्रति ग्रामीणों को भी सजग रहना चाहिए। समाजसेवी और जनप्रतिनिधि को भी इसके लिए आगे आना पड़ेगा। - राजेश भूषण, बीडीओ, मधुबनी

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।