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    गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की जद में कब्रिस्तान, मुस्लिम समुदाय ने धार्मिक स्थल बचाने को लगाई गुहार

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 03:46 PM (IST)

    गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे परियोजना के अंतर्गत नौतन पंचायत स्थित कब्रिस्तान के आने से मुस्लिम समुदाय चिंतित है। उन्होंने मंत्री नारायण प्रसाद और सांसद संजय जायसवाल से कब्रिस्तान को बचाने की गुहार लगाई है। समुदाय का कहना है कि एक्सप्रेस-वे के लिए आसपास खाली जमीन है, जिससे कब्रिस्तान को सुरक्षित रखा जा सकता है। मंत्री ने इस मामले में अधिकारियों से बात करने का आश्वासन दिया है।

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    मुस्लिम समुदाय ने धार्मिक स्थल बचाने को लगाई गुहार

    संवाद सूत्र , नौतन। गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे ग्रीनफील्ड परियोजना को पूरा करने की प्रशासनिक स्तर पर प्रयास तेज होने के साथ हीं छह लेन की इस एक्सप्रेस-वे के जद में आ रहे पश्चिम नौतन पंचायत के वार्ड नंबर 11 स्थित कब्रिस्तान को बचाने के लिए गोलबंदी आरंभ हो गई है। 

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    कब्रिस्तान को बचाने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बिहार सरकार के मंत्री नारायण प्रसाद और सांसद डॉ संजय जायसवाल को गुहार पत्र सौंपा है। ग्रामीणों ने बताया कि नौतन-बैरिया से होकर गोरखपुर - सिलीगुड़ी छह लेन एक्सप्रेस-वे सड़क निर्माण की प्रक्रिया तेज हो गई है। 

    बेतिया सांसद को सौंपा आवेदन

    शुक्रवार को एजाज अहमद, मोहम्मद अली जफर,जिप सदस्य असद राजा, मोहम्मद आलमगीर, मोहम्मद मुन्ना, मैनुद्दीन अंसारी, सहित दर्जनों लोगों ने एकजुट होकर बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री नारायण प्रसाद तथा बेतिया सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल से मुलाकात कर एक आवेदन सौंपा।

    समुदाय के लोगों ने कहा कि प्रस्तावित सड़क की लाइन कब्रिस्तान से होकर निकाली जा रही है। जिससे पुराने दफन स्थलों और पूर्वजों की मिट्टी को नुकसान पहुंचने का खतरा है। 

    आस-पास भी जमीन मौजूद

    उन्होंने मंत्री व सांसद से आग्रह किया कि एक्सप्रेस-वे के लिए पर्याप्त खाली भूमि आसपास मौजूद है। ऐसे में सड़क का रूट थोड़ा बगल से निकालकर कब्रिस्तान की भूमि को सुरक्षित रखा जा सकता है। 

    कब्रिस्तान व ईदगाह सैकड़ों वर्ष पुराना है और इसमें उनके पुरखों की यादें बसी हैं। ऐसे में यह भूमि केवल जमीन नहीं, बल्कि धार्मिक और भावनात्मक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। 

    कब्रिस्तान से हटकर एक्सप्रेस-वे बनाने की मांग

    उन्होंने एक्सप्रेस-वे जैसी बड़ी परियोजना का स्वागत है। इससे क्षेत्र में विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी और आवागमन सुगम होगा। लेकिन विकास के साथ सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों का संरक्षण भी उतना ही आवश्यक है। 

    समुदाय के लोगों ने कहा कि यदि सड़क निर्माण कब्रिस्तान से हटकर पास की खाली जमीन से होकर कर दिया जाए तो किसी भी प्रकार का धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचेगा। 

    बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा कि आवेदन के आलोक में संबंधित अधिकारियों से बात होगी। प्रयास होगा कि कब्रिस्तान को क्षति नहीं पहुंचे।