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    चमकी बुखार से निपटने के लिए GMCH बेतिया में अलर्ट, 30 बेड रख लिए गए रिजर्व; अस्‍पताल में मरीजों की बढ़ रही भीड़

    Updated: Mon, 27 May 2024 04:31 PM (IST)

    बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में चमकी बुखार से निपटने के लिए जीएमसीएच में है विशेष तैयारी। मरीजों को मुफ्त में दवाएं भी दी जा रही हैं। मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ने से जीएमसीएच का मेडिसिन वार्ड फुल है। अस्‍पताल में जेई-एईएस (चमकी बुखार) व जापानी इंसेफ्लाइटिस के मरीजों के इलाज के लिए 30 बेड का वातानुकूलित पीक वार्ड बनाया गया है।

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    जीएमसीएच के एईएस-जेई वार्ड में की गई वातानुकूलित व्यवस्था। जागरण

    जागरण संवाददाता, बेतिया। लगातार बढ़ रही गर्मी के कारण लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इसमें बच्चे, युवा व बुजुर्ग शामिल हैं। चर्म रोग, आंख, सर्दी जुकाम, डिहाईड्रेशन, लू, पेट व सिर दर्द समेत अन्य मौसमी बीमारियों से ग्रसित मरीजों की संख्या बढ़ने से जीएमसीएच का मेडिसिन वार्ड फुल है।

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    अस्‍पताल में बड़ी संख्‍या में आ रहे हैं मरीज

    जबकि, सोमवार को ओपीडी में 1250 से 1375 इन बीमारियों से ग्रसित लोग इलाज किया गया। ओपीडी के आंकड़ों पर गौर किया जाय, तो चर्म रोग के 110 मरीज, आंख की बीमारी के 163, सर्दी-बुखार(बच्चे,युवा व बुजुर्ग) मरीजों 267 का इलाज किया गया।

    इसके अलावे उल्टी-दस्त, पेट, सिर दर्द, पेशाब में जलन, घबराहट, शरीर में कमजोरी सहित अन्य बीमारी के इलाज कराने के लिए आए थे। अस्पताल प्रबंधक मो. शहनवाज ने बताया कि ओपीडी के दोनों शिफ्ट में औसतन 1500 से अधिक प्रतिदिन इलाज कराने आ रहे हैं।

    जबकि गर्मी के असर कम होने के कारण औसतन मरीजों की संख्या 500 से 600 तक होती थी। फिलहाल मेडिसिन वार्ड के सभी बेड फुल हैं। यहां बता दें कि सोमवार को पारा 40 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि मंगलवार को तापमान कम होने की संभावना है। 

    18 बेड का बना एईएस-जेई वार्ड

    गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौसमी बीमारी बढ़ने के कारण मरीजों के इलाज में किसी तरह की चूक या कमी नहीं हो, इसको लेकर जीएमसीएच प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है।

    अस्पताल प्रबंधक मो. शहनवाज ने बताया कि जेई-एईएस (चमकी बुखार) व जापानी इंसेफ्लाइटिस के मरीजों के इलाज के लिए 30 बेड का वातानुकूलित पीक वार्ड बनाया गया है।

    फिलहाल एईएस-जेई वार्ड में 18 बेड के लिए वातानुकूलित व्यवस्था उपलब्ध है। इसके लिए सभी 56 तरह की दवाइयां उपलब्ध है। इस वार्ड का शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ कुमार को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।

    इसके अलावे ओपीडी में 92 व आईओपीडी में 162 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है। इलाज कराने व भर्ती मरीजों को नि:शुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है।

    गर्मी से होने वाली बीमारियां व उससे बचाव जरूरी

    जीएमसीएच के डॉ. संजय कुमार ने कहा कि सूखी और लाल त्वचा होना, शरीर का तापमान बढ़ना, मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन होना, थकावट, चक्कर या उल्टी होना, सांस फूलना व दिल की धड़कन बढ़ना गर्मी जीनत बीमारियों का लक्षण है। इसके बचाव के लिए पानी अधिक से अधिक पीना चाहिए।

    ओआरएस घोल, ग्लूकोज, इलेक्ट्रा पाउडर व एनर्जी का सेवन भी इन दिनों ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए ताकि शरीर से पसीना निकलने की वजह से आयोडीन की कमी न हो। नींबू पानी जरूर पीएं। खासकर गर्मी से बचाव करते हुए खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

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