Gandak River: गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी, दहशत में दो दर्जन से अधिक गांव
नेपाल में बारिश के चलते गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है जिससे पश्चिम चंपारण के कई गांवों में कटाव का खतरा बढ़ गया है। मसान नदी में पानी बढ़ने से स्थिति और गंभीर हो गई है जिससे ग्रामीण दहशत में हैं। निचले इलाकों में पानी भरने से लोगों को परेशानी हो रही है और एक क्षतिग्रस्त पुल ने भी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

संवाद सहयोगी, बगहा। नेपाल में रुक-रुक हो रही वर्षा से गंडक के जलस्तर में उतार चढ़ाव जारी है। दूसरी ओर मसान नदी में पानी अधिक होने के कारण दो दर्जन से अधिक गांवों पर कटाव की आशंका है। ग्रामीण दहशत में हैं। गुरुवार की दोपहर दो बजे बराज से 97 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है ।
गंडक नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से वाल्मीकिनगर के निचले इलाके जैसे बिन टोली, कान्ही टोली, चकदहवा आदि सहित गंडक पार के चारों प्रखंड के तटवर्ती गांवों को प्रभावित करता है।
ठकराहा में पीपी तटबंध के चार नंबर ठोकर से कुछ दूरी पर कभी-कभी मिट्टी का क्षरण हो रहा है। अन्य प्रखंडों में कटाव जैसे हालात नहीं बने हैं।
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता निशांत कुमार ने बताया कि बीते बुधवार की देर शाम गंडक नदी में पानी बढ़ा था लेकिन अब बहुत ही कम है। तटबंध पर कोई खतरा नहीं है। सभी तटबंध सुरक्षित हैं।
पहाड़ी नदी मसान का दबाव बरकरार, ग्रामीणों में कटाव का भय
अनुमंडल क्षेत्र के रामनगर प्रखंड के जोगिया पंचायत अंतर्गत बहुअरी गांव में मसान नदी का दबाव बरकरार है । पंचायत के बहुअरी, इनारबरवा बगहा एक प्रखंड के तमकुही, बसंतपुर, सिरिसिया, मंझरिया और गोनौली सहित करीब दो दर्जन गांव पर दबाव बना हुआ है। इसके साथ ही अप्रोच पर नदी के कटाव करने की सूचना है।
मसान नदी में पहाड़ से पानी आता है। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के मौसम में मसान नदी का पानी अचानक बढ़ जाता है। जिससे लोगों के बीच दहशत का माहौल हो जाता है। यहां तक कि रातभर जागकर लोगों को अपने घर की रखवाली करनी पड़ती है।
कटाव का भय, टूटा पुल भी बना जी का जंजाल
बगहा एक व रामनगर प्रखंड के गांवों को जोड़ने वाली बहुअरी के पास मसान नदी पर बना पुल विगत दो वर्षों से क्षतिग्रस्त है। समय-समय पर इसकी मरम्मत की जाती है, लेकिन कार्य की गति इतनी धीमी है कि अब तक यह पुल पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हो पाया।
इस पुल से बगहा एक प्रखंड के रायबारी महुअवा, तमकुही, सलहा बरियरवा सहित दर्जनों गांव अनुमंडल मुख्यालय से जुड़ते हैं। ऐसे में संपर्क टूटने का खतरा भी है। वहीं, रामनगर अंचलाधिकारी वेद प्रकाश ने बताया कि नदियों के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। मसान में बारिश होने के बाद उतार-चढ़ाव होता है।
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