Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    42 किमी लंबे गंडक तटबंध का होगा कायाकल्प, 180 करोड़ की परियोजना मंजूर, जलरिसाव की समस्या से मिलेगा छुटकारा

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 05:32 PM (IST)

    पिपरासी में गंडक नदी के किनारे स्थित पीपी तटबंध की मरम्मत के लिए जल संसाधन विभाग ने 180 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी। इस योजना से 42 किलोमीटर लंबे बांध का सुदृढ़ीकरण होगा जिसमें ठोकरों का ऊंचीकरण और मिट्टी भराई शामिल है। केंद्र सरकार को भेजे गए इस प्रस्ताव में 60% राशि केंद्र और 40% राज्य सरकार देगी जिससे मधुबनी ठकराहा पिपरासी और भितहा प्रखंडों को लाभ होगा।

    Hero Image
    42 किमी लंबे गंडक तटबंध का होगा कायाकल्प। फोटो जागरण

    सुमंत कुमार, पिपरासी। गंडक नदी के किनारे स्थित पीपी (पिपरा-पिपरासी) तटबंध की दशा बदलने वाली बहुप्रतीक्षित परियोजना को गति मिलने वाली है। शून्य किलोमीटर बार्डर से लेकर जीएच प्रभाग तक कुल 42 किलोमीटर लंबे बांध की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण के लिए जल संसाधन विभाग ने 180 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दे दी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह प्रस्ताव अब केंद्र सरकार को भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस योजना के तहत करीब दो दर्जन ठोकरों का ऊंचीकरण और जीओ बैग से पीचिंग का कार्य किया जाएगा। साथ ही चार से पांच लाख घन मीटर मिट्टी भराई की जाएगी, जिससे बांध की मजबूती और टिकाऊपन सुनिश्चित हो सकेगा।

    पहले इस योजना की लागत 300 करोड़ रुपये प्रस्तावित थी, लेकिन विभागीय स्तर पर संशोधन करते हुए इसे घटाकर 180 करोड़ रुपये कर दिया गया है। 60 प्रतिशत केंद्र व 40 प्रतिशत प्रदेश सरकार का रहेगा योगदान जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल संख्या एक व दो के अंतर्गत यह विस्तृत प्राक्कलन तैयार कर भेजा गया है।

    विभागीय अभियंता रवि कुमार ठाकुराई ने जानकारी दी कि केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी में यह योजना पूरी की जाएगी, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार देगी। इस परियोजना के पूरा होने से गंडक पार के मधुबनी, ठकराहा, पिपरासी और भितहा प्रखंडों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

    इन क्षेत्रों में वर्षों से चली आ रही कटाव की समस्या पर अंकुश लगेगा और रैन होल सहित जल रिसाव की समस्याओं से भी राहत मिलेगी। जदयू नेता वीरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वाल्मीकिनगर सांसद सुनील कुमार के प्रयासों से यह परियोजना आगे बढ़ पाई है।

    सांसद जल संसाधन मंत्री और प्रधानमंत्री से मिलकर राशि स्वीकृति की मांग की है। इससे क्षेत्रीय जनता में उत्साह है और लोग संभावित कटाव से राहत मिलने को लेकर आशान्वित हैं। कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने पुष्टि की कि योजना की तकनीकी स्वीकृति विभाग द्वारा कर दी गई है और केंद्र सरकार से अंतिम स्वीकृति मिलते ही कार्य आरंभ हो जाएगा।


    यह भी पढ़ें- Banka River Front: तिलडीहा में बदुआ नदी पर 15 करोड़ से बनेगा रिवर फ्रंट, खुलेंगे रोजगार के द्वार