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    Bihar News: पश्चिम चंपारण में लापरवाही बरतने पर तीन पैक्स अध्यक्ष व प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर का आदेश

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 07:33 PM (IST)

    West Champaran News गौनाहा प्रखंड के महुई पैक्स मधुबनी प्रखंड के कठार पैक्स और रामनगर प्रखंड के परसौनी पैक्स का भौतिक सत्यापन कराया। महुई पैक्स में 216.5 एमटी धान होना चाहिए था लेकिन वहां कुछ भी नहीं था। इसी तरह से कठार पैक्स में 130.7 एमटी और परसौनी पैक्स में 135.7 एमटी धान की अपेक्षा की गई थी लेकिन वहां भी गोदाम खाली था।

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    इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

     जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। जिले में धान की खरीद में अनियमितता उजागर हुई है। इसकी समीक्षा में यह बात सामने आने के बाद इसका सत्यापन कराया गया। इसकी रिपोर्ट के आधार पर अब डीएम ने एफआइआर का आदेश दिया है।

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    इस वर्ष 14 सितंबर 2025 तक धान खरीद की गई थी। जिला पदाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने इसकी समीक्षा में पाया गया कि कई पैक्सों द्वारा धान अधिप्राप्ति के बाद भी सीएमआर की आपूर्ति नहीं की गई है।

    उन्होंने गौनाहा प्रखंड के महुई पैक्स, मधुबनी प्रखंड के कठार पैक्स और रामनगर प्रखंड के परसौनी पैक्स का भौतिक सत्यापन कराया। महुई पैक्स में 216.5 एमटी धान होना चाहिए था, लेकिन वहां धान की मात्रा शून्य पाई गई।

    इसी तरह से कठार पैक्स में 130.7 एमटी और परसौनी पैक्स में 135.7 एमटी धान की अपेक्षा की गई थी, लेकिन दोनों गोदामों में धान की मात्रा शून्य रही।

    इन अनियमितताओं के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके आलोक जिला पदाधिकारी ने 24 घंटे के भीतर इन पैक्स अध्यक्षों और प्रबंधकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है।

    महुई पैक्स के अध्यक्ष अरविन्द साह और प्रबंधक राजवंशी प्रसाद, कठार पैक्स के अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी और प्रबंधक सुनील तिवारी, तथा परसौनी पैक्स के अध्यक्ष बालेश्वर खतईत और प्रबंधक सोनु कुमार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

    इसके साथ ही सभी संबंधित प्रखंड सहकारिता पदाधिकारियों को कार्य में शिथिलता बरतने के लिए जवाब तलब करने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धान अधिप्राप्ति में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

    किसानों के हितों की रक्षा और अधिप्राप्ति व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। नियमों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।