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    डॉक्टर नहीं, हत्यारे! नाम बदल-बदल कर मरीजों को मार रहे झोलाछाप डॉक्टर

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 04:06 PM (IST)

    रामनगर में झोलाछाप डॉक्टरों का अवैध कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिससे मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ हो रहा है। ये चिकित्सक दलालों की मदद से मरीजों को फंसाते हैं और मोटी रकम वसूलते हैं। कई बार इलाज के दौरान मरीजों की मौत भी हो जाती है, जिसे वे दबा देते हैं। अब सामाजिक संगठन इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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    मरीजों को मार रहे झोलाछाप डॉक्टर 

    संवाद सूत्र, रामनगर। नगर में झोलाछाप चिकित्सकों का कारोबार तेजी से फैलता जा रहा है। अब यह सिर्फ मुख्य सड़कों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि गली-मोहल्लों में भी इनके अवैध क्लिनिक खुल गए हैं। 

    नेपाली टोला, मुड़िला, नरैनापुर रोड, दुर्गानगर, आर्यनगर और आसपास के क्षेत्रों में इन झोलाछापों की भरमार देखी जा सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इनका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। 

    ये अवैध चिकित्सक मरीजों की जान के साथ गंभीर खिलवाड़ करते हैं। इनमें से कई लोग दूसरों के नाम का बोर्ड लगाकर काम कर रहे हैं, जबकि कुछ बिना बोर्ड के ही क्लीनिक चला रहे हैं।

    कई क्लीनिकों पर छापेमारी

    पिछले वर्षों में तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी डॉ. अनुपमा सिंह के निर्देश पर कई क्लीनिकों पर छापेमारी हुई थी। कुछ क्लीनिक सील किए गए और कई मामलों में प्राथमिकी भी दर्ज हुई। इनमें से कुछ झोलाछाप जमानत पर बाहर हैं, जबकि कुछ अब भी फरार चल रहे हैं। 

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    कई ने अपना नाम बदलकर फिर से दूसरे स्थानों पर क्लीनिक खोल लिया है। धीरे-धीरे सील किए गए कई क्लिनिक भी पुनः खुल गए हैं, जिससे अवैध धंधा फिर सक्रिय हो गया है।

    दलालों के सहारे फल-फूल रहा फर्जी इलाज का कारोबार

    झोलाछाप चिकित्सक दलालों की एक टीम के सहारे अपना व्यवसाय संचालित करते हैं। ये दलाल सरकारी अस्पतालों समेत विभिन्न जगहों पर सक्रिय रहते हैं और थोड़े पैसों के लालच में गर्भवती महिलाओं से लेकर अन्य मरीजों को झोलाछापों के पास ले जाते हैं। 

    शुरुआत में कम फीस बताकर मरीजों को आकर्षित किया जाता है, लेकिन बाद में मोटी रकम वसूल की जाती है। अशिक्षित और ग्रामीण इलाकों के लोग इनके झांसे में आकर आर्थिक और शारीरिक रूप से गंभीर नुकसान झेलते हैं। 

    कई बार सर्जरी या इलाज के दौरान मरीज की मौत होने पर झोलाछाप परिजनों को डराकर या लालच देकर मामले को दबा देते हैं। कभी-कभी मरीज को गंभीर बताकर बेतिया रेफर कर दिया जाता है, जबकि उसकी मौत पहले ही हो चुकी होती है।

    इधर, इस पूरे मसले पर अब सामाजिक संगठनों ने भी आवाज उठाना शुरू कर दिया है। मानव सेवा संगठन के अध्यक्ष रजनीश सिंह ने बताया कि झोलाछाप चिकित्सकों की एक सूची तैयार की जा रही है, जिसे जल्द ही एसडीएम के समक्ष आवेदन के रूप में सौंपा जाएगा। 

    विवेक कुमार, दुष्यंत कुमार सहित कई लोग भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, ताकि इन अवैध चिकित्सकों पर कड़ी कार्रवाई की जा सके।

    पीएचसी स्तर से इनकी सूची तैयार की गई है। जिस पर शीघ्र ही कार्रवाई होगी।- डॉ डीएस आर्या, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ।