आपदा प्रबंधन मंत्री ने कहा, भोजपुरी हमारी सांस्कृतिक विरासत, इसे सहेजना सबकी जिम्मेदारी
आपदा प्रबंधन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा कि भोजपुरी बिहार की सांस्कृतिक विरासत है और इसे संजोना सबकी जिम्मेदारी है। बेतिया में संस्कार भारती द्वारा आय ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, बेतिया(पश्चिम चंपारण)।BiharNews : आपदा प्रबंधन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहा है कि बिहार की माटी में भोजपुरी का अपना अलग महत्व है। देश के किसी भी कोने में जाईए भोजपुरिया समाज सभी जगह मिल जाता है। भोजपुरी हमारे संस्कृति की विरासत है। इसे संजो कर रखना सबकी जिम्मेवारी है।
वे शनिवार को स्थानीय ऑडिटोरियम में संस्कार भारती की ओर से आयोजित दो दिवसीय भोजपुरिया कला हाट के उदघाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। संस्कार भारती भी अपने दायित्वों को बखुबी निभा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक रविशंकर ने कहा कि मनुष्य हैं तो उसके भीतर खूबियां और कमियां होंगी ही। लेकिन उन कमियों के भीतर उसकी ताकत छिपी होती है। आज लोग चुनौतियों की चर्चा करने में ज्यादा ध्यान देते हैं पर, चुनौतियों पर चर्चा करने से ज्यादा अच्छा है कि हम समाधान करने की दिशा में बढ़ें।
समस्याएं हम सबको पता है लेकिन समाधान क्या है यह हमको सोचने और करने की आवश्यकता है। उन्होंने कला के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कला व्यक्ति को नर से नारायण बनाने का साधन है। इस क्रम में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय मंत्री डॉ संजय चौधरी ने परिवार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो परिवार की संकल्पना भारत में है वह भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए आवश्यक है।
परिवार व्यवस्था का हमारे संस्कारों को रक्षित करने में बड़ा महत्व है। आज हम चांद सितारे तक तो पहुंच गए, लेकिन अपने परिवार से दूर हो गए हैं यह बहुत दुखद है। परिवार में रहना, अपने बच्चों को अपनी परंपराओं से अवगत कराना, अपनी पूजा पद्धति से अवगत कराना यह बहुत आवश्यक है।
वरना हमारे बच्चे उस पौधे की तरह हो जाएंगे जो जरा सी चांदनी में भी कुम्हला जाते हैं।बता दें कि स्थानीय ऑडिटोरियम में संस्कार भारती द्वारा दो दिवसीय भोजपुरिया कला हाट का आयोजन किया गया है, जिसमें भोजपुरी क्षेत्र से विभिन्न कलाकार स्थानीय ऑडिटोरियम में आए हैं।
इस मौके पर संस्कार भारती के प्रांत कार्यकारी अध्यक्ष डॉ दिवाकर राय, प्रांत महामंत्री सुरभीत दत्त, जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र शरण, संघ के विभाग प्रचारक नीतीश कश्यप, प्रशांत झा, महामंत्री चंदन झा, सुरेन्द्र राम, सत्यम मिश्र, कुमारी सीमा, डॉ जगमोहन, कृष्णमोहन हिंदू, राकेश कुमार , रविराज गौतम आदि उपस्थित रहे।
कला हाट में चमकी थरुहट की कलाकृतियां
भोजपुरिया कला हाट में करीब 15 प्रकार के स्टाल पर विभिन्न कलाकारों ने प्रदर्शनी लगाई। थरुहट के कलाकारों, मिथिला पेंटिंग , जीविका दीदियों आदि की प्रदर्शनी को सराहना मिली। संस्कार भारती की ओर से आयोजित दो दिवसीय भोजपुरिया कला हाट में थरुहट क्षेत्र की पारंपरिक कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र रहीं।
मिट्टी, बांस, लकड़ी और कपड़े से बनी हस्तशिल्प वस्तुओं ने दर्शकों का मन मोह लिया। थारू समाज की लोक संस्कृति, पहनावे और दैनिक जीवन को दर्शाती कलाकृतियों की जमकर सराहना हुई। कलाकारों ने अपने हुनर के माध्यम से थरुहट की सांस्कृतिक पहचान को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया।
कला हाट में आए लोगों ने न केवल कलाकृतियां देखीं, बल्कि उनके निर्माण की प्रक्रिया को भी समझा। यह आयोजन स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ लोककला के संरक्षण का सशक्त माध्यम बना।
सांस्कृति कार्यक्रमों की धूम
भोजपुरी कला उत्सव के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। लोकनृत्य, लोकगीत, बिरहा, कजरी और चैता की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में मंच पर भोजपुरी संस्कृति की जीवंत झलक पेश की।
ढोलक, हारमोनियम और मंजीरा की धुनों पर सभागार तालियों से गूंज उठा। नाटक और एकांकी के माध्यम से सामाजिक संदेश भी दिया गया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक ने कार्यक्रमों का भरपूर आनंद लिया। उत्सव में उमड़ी भीड़ ने साबित किया कि भोजपुरी कला और संस्कृति आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।
आज आएंगे राज्यपाल, होगा कला हाट का समापन
संस्कार भारती के दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन सत्र में 14 दिसंबर (रविवार) को बिहार के राज्यपाल डॉ. आरिफ मोहम्मद खान प्रेक्षागृह में आयोजित मुख्य समारोह में शामिल होंगे। राज्यपाल लगभग सुबह 11:30 बजे प्रेक्षागृह पहुंचेंगे। विभिन्न स्टॉलों पर जाकर कलाकारों से बातचीत करेंगे और ग्रामीण हस्तशिल्प एवं लोककला की बारीकियों की जानकारी लेंगे।
मंच पर आगमन के बाद राष्ट्रगान, दीप प्रज्वलन और संस्कार भारती के ध्येयगीत से औपचारिक सत्र की शुरुआत होगी। इसी क्रम में स्वतंत्रता आंदोलन की पृष्ठभूमि पर आधारित डॉ. दिवाकर राय द्वारा रचित भोजपुरी नाटक ‘फनिया-वध’ का लोकार्पण किया जाएगा। लोकार्पण के उपरांत थारू लोकनृत्य झमटा की विशेष प्रस्तुति होगी। इसके बाद भारत का स्वत्व’ विषय पर राज्यपाल डॉ. आरिफ मोहम्मद खान अपना मुख्य उद्बोधन देंगें।

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