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तीन दशक बाद गूंजेगी देवभाषा

सौ वर्ष पहले इस शहर में संस्कृत भाषा की महता को समझते हुए बाबा जानकी शरण दास ने नरकटियागंज में जानकी संस्कृत महाविद्यालय की बुनियाद रखी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Mar 2018 01:09 AM (IST)Updated: Mon, 05 Mar 2018 01:09 AM (IST)
तीन दशक बाद गूंजेगी देवभाषा

बेतिया। सौ वर्ष पहले इस शहर में संस्कृत भाषा की महता को समझते हुए बाबा जानकी शरण दास ने नरकटियागंज में जानकी संस्कृत महाविद्यालय की बुनियाद रखी थी। पहले प्राचार्य के रूप में कौआहां के साधुशरण मिश्र ने उस बुनियाद को जीवंत रखा, इसके कारण आज जानकी संस्कृत महाविद्यालय की बुनियाद खड़ी है। आज फिर से जानकी के आंगन में देव भाषा गूंजने लगी है। जानकी गुरुकुल आश्रम और सनातन संस्कार मंच के तत्वावधान में न केवल बारह बटूकों का यज्ञोपवित संस्कार किया गया बल्कि 21 छात्रों को आवासीय सुविधा के साथ वेदारंभ की व्यवस्था भी कर दी गयी। जिन लोगों ने इस महाविद्यालय की बुनियाद खड़ी की उनकी प्रतिमाओं का अनावरण कर यह साबित कर दिया कि संस्कृत विश्व की सभी भाषाओं की जननी है और उस जननी के वजूद को दरकने नही दिया जाएगा।

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शहर के कोने-कोने से जुटे लोग

उपनयन सस्कार में शामिल हुए शहर के कोने कोने से लोग जानकी गुरूकुल आश्रम और सनातन संस्कार मंच द्वारा आयोजित यज्ञोपवित संस्कार में शहर के कोने कोने से लोग जानकी संस्कृत महाविद्यालय पहुंचे। इस दौरान विद्यालय में बने यज्ञ शाला में बारह बटूकों का एक साथ यज्ञोपवित संसकार किया गया। आचार्य मधुसूदन चतुर्वेदी और समाजसेवी सुरेन्द्र मिश्र यज्ञोपवित संस्कार में शामिल बटूकों और उनके परिजनों की सेवा सत्कार में लगे रहे। विधिवत पूजा अर्चना के साथ अंखवा जमुनिया के राजू तिवारी, पुरैनिया के उमंग मिश्र, हरदिया के अभिषेक दुबे व नंदन कुमार मिश्र, जयमंगलापुर के कुंदन उपाध्याय, बेलवा मोर के विश्वजीत दूबे व विशाल दुबे, चेंगोना के सोनु तिवारी, केहुनिया के शिवम कुमार, और रत्नमाला के सन्नी कुमार व शिवम कुमार का उपनयन संस्कार संपन्न हुआ।

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अंग्रेजी व्यापार, ¨हदी व्यवहार और संस्कृत संस्कार की भाषा : उपेंद्र

सनातन संस्कार मंच द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अश्वमेघ पीठाधीश्वर स्वामी उपेंद्र पराशर ने कहा कि अंग्रेजी व्यापार, हिन्दी व्यवहार और संस्कृत संस्कार की भाषा है। जिस घर में संस्कृत के श्लोक गूंजते हैं वहां विपत्तियों का नाश होता है। वही सांसद सतीश चन्द्र दुबे ने कहा कि वर्तमान की ¨चता नही करने पर भविष्य खतरे में पड़ जाता है ऐसे में हमे अपने भविष्यों की ¨चता है। कल तक हर गांव में पंडित मिल जाते थे अब ऐसा नही है। इस महाविद्यालय के माध्यम से पंडितों का निर्माण होगा और पंडितों को ढूंढना नही पड़ेगा। कार्यक्रम को एमएलसी लालबाबू प्रसाद, रामनगर की विधायक भागीरथी देवी, जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष श्यामा प्रसाद, भाजापा जिलाध्यक्ष गंगा पाण्डेय ने संबोधित किया। इससे पहले मंचासीन इन अतिथियों के अलावा पूर्व सभापति सुनील कुमार, संरक्षक प्रदीप दुबे, सरदार बल¨वदर ¨सह, वर्मा प्रसाद आदि ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सभी को कमिटी की ओर से भगवा गमछा देकर सम्मानित किया गया। संचालन जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव भोट चतुर्वेदी ने किया। मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य रहे साधु शरण मिश्र के पुत्र सीता शरण मिश्र, कृष्ण कुमार पाठक, अर्जुन सोनी, अवध किशोर पाण्डेय, मनोज दुबे, पिन्टू गुप्ता आदि मौजूद रहे।


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