VTR में आपसी संघर्ष में फिर गई एक और बाघिन की जान, शरीर पर नाखूनों के घाव
रविवार को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के रघिया वन क्षेत्र में एक मृत बाघिन मिली जिसकी उम्र लगभग छह वर्ष थी। वन विभाग के अनुसार बाघिन की मौत आपसी संघर्ष के कारण हुई है क्योंकि उसके शरीर पर नाखूनों के घाव पाए गए हैं। घटनास्थल पर एक अन्य नर बाघ के पगमार्क भी मिले हैं जिससे संघर्ष की आशंका और बढ़ गई है। मामले की जांच जारी है।

संवाद सहयोगी, बगहा। वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के रघिया वन क्षेत्र के कक्ष संख्या 58 में एक मृत बाघिन पाई गई है। यह घटना रविवार की है। जहां वनकर्मियों की टीम ने गश्ती के दौरान मृत बाघिन को देखा।
जिसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। बाघिन की उम्र करीब छह वर्ष बताई गई है। प्रथम दृष्टया बाघिन की मौत आपसी संघर्ष का परिणाम माना जा रहा है।
मृत बाघिन के शरीर पर नाखूनों के घाव के निशान मिले हैं। इसके साथ ही अधिकांश नाखून क्षतिग्रस्त पाए गए हैं।
वहीं, घटनास्थल के आस-पास की झाड़ियां भी टूटी पाई गई हैं। वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणि ने बताया कि गोवर्धना वन क्षेत्र में बाघिन का पशु चिकित्सक दल की टीम ने पोस्टमार्टम किया। वहीं, आवश्यक नमूने भी संग्रहित किए गए।
सीएफ ने इस संबंध में विज्ञप्ति भी जारी की है। जिसमें बताया है कि घटनास्थल पर जांच के क्रम में एक अन्य नर बाघ का पगमार्क भी मिला है। वनकर्मियों की टीम ने कक्ष संख्या 57 व 58 तक खोजबीन की। लेकिन उसका कोई पता नहीं चल पाया है। बाघिन के शरीर पर आंतरिक चोट के भी कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।
ऐसे में वन प्रशासन उक्त बाघिन की मृत्यु आपसी संघर्ष का ही नतीजा मान रही है। सीएफ ने बताया कि पोस्टमार्टम कराकर विसरा सुरक्षित कर लिया गया है। वहीं, मामले में जांच की जा रही है ।
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