Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अब नवलपरासी से भी होगा चितवन राष्ट्रीय निकुंज का रोमांचक सफर, जंगल सफारी के लिए मिली अनुमति

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 02:51 PM (IST)

    नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में अब पूर्वी नवलपरासी के अमलतारी घाट से जंगल सफारी शुरू होगी। चितवन निकुंज और नवलपुर पर्यटन समिति के समझौते से 7 जीपों को जीपीएस के साथ अनुमति मिली। आधा दिन (टेंपल टाइगर तक) और पूरा दिन (घड़ियाल केंद्र तक) पैकेज उपलब्ध। गैंडा-हिरण दर्शन आसान। भारतीय पर्यटकों में वृद्धि से स्थानीय अर्थव्यवस्था और सस्टेनेबल इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।

    Hero Image

    अब नवलपरासी से भी होगा चितवन राष्ट्रीय निकुंज का रोमांचक सफर

    संवाद सूत्र, वाल्मीकिनगर। नेपाल के चितवन राष्ट्रीय निकुंज में अब पर्यटक पूर्वी नवलपरासी जिला से भी जंगल सफारी का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए मंगलवार को चितवन निकुंज प्रशासन और नवलपुर पर्यटन समिति के बीच समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद अब पर्यटकों को सफारी का मजा लेने के लिए चितवन जिले तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नवलपुर पर्यटन समिति के अध्यक्ष फंसराम महतो ने जानकारी दी कि पूर्वी नवलपरासी जिले के अमलतारी घाट से चितवन राष्ट्रीय निकुंज के वन क्षेत्र में जंगल सफारी की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए निकुंज प्रशासन ने सात सफारी जीपों के संचालन की अनुमति प्रदान की है। प्रत्येक जीप में व्हीकल ट्रैकिंग एंड मॉनिटरिंग सिस्टम (जीपीएस) अनिवार्य रूप से लगाया गया है, जिससे सफारी की सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

    समिति ने पर्यटकों के लिए दो प्रकार के पैकेज तैयार किए हैं । आधा दिन का सफारी पैकेज और पूरा दिन का सफारी पैकेज। आधे दिन की सफारी में पर्यटक अमलतारी घाट से टेंपल टाइगर तक का सफर करेंगे, जबकि पूरे दिन की सफारी में उन्हें घड़ियाल प्रजनन केंद्र तक का रोमांचक अनुभव मिलेगा।

    जानकारी के अनुसार, नवलपरासी जिले का मध्यवर्ती सामुदायिक वन क्षेत्र गैंडा के अवलोकन के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है। यहां पर्यटकों को अक्सर गैंडा, हिरण, और अन्य वन्यजीवों के दर्शन सहज रूप से हो जाते हैं।

    नवलपुर से सफारी की अनुमति मिलने से स्थानीय व्यापारी और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि अब भारतीय पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों और रोजगार के अवसरों में भी विस्तार होगा।

    यह नई पहल नवलपरासी और चितवन दोनों जिलों के लिए पर्यटन विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी, जिससे सीमा क्षेत्र में सस्टेनेबल इको-टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।