पश्चिम चंपारण में वीटीआर के सीमावर्ती गांवों में दिखेगा बदलाव, चल रही खास तैयारी
वीटीआर के आसपास तेजी से चल रहा सोलर लाइट लगाने का कार्य। सोलर लाइट लगने से ग्रामीणों को जंगली जानवरों से मिलेगी सुरक्षा। अब तक लगे 50 सोलर लाइट। ग्रामीणों व वन विभाग की ओर से जानवरों पर रखी जाएगी नजर।

गौनाहा (पचं), संवाद सहयोगी। वीटीआर के सीमावर्ती गांव अब दूधिया रौशनी से जगमग होंगे। सोलर लाइट के लगने से न केवल ग्रामीणों को जंगली जानवरों से सुरक्षा मिलेगी, बल्कि ग्रामीणों और वन विभाग द्वारा इन जानवरों पर विशेष नजर भी रखी जा सकेगी। इसके पीछे उद्देश्य यह है कि जानवरों को आम आदमी व आम आदमी को जानवरों से बचाया जा सके। यहीं नहीं गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट लगने से पर्यावरण भी संरक्षित रह सकेगा। बता दें कि अभी मंगुराहां, हरक़टवा, बजनी, जम्हौली में 50 सोलर लाइट लगे हैं। विश्व बाघ दिवस के अवसर पर वन प्रमंडल पदाधिकारी सह उपनिदेशक वीटीआर प्रमंडल एक के प्रद्युम्न एवं डब्लूडब्लूएफ बिहार समन्वयक तराई लैंड स्कैप पदाधिकारी कमलेश मौर्य के द्वारा या कार्य आरंभ किया गया। हालाकि अभी अन्य जगहों पर भी ये लाइटें लगाई जानी है।
ग्रामीणों ने इसके लिए वन विभाग को सराहा
हरक़टवा निवासी मुन्ना कुमार, मोहन कुमार, मंगुराहां निवासी नागेंद्र मौर्या का कहना है कि सोलर लाइट लगने से जंगली जानवरों को भटकने व आवाजाही पर वन विभाग एवं सीमावर्ती गांव के लोगों की नजर रहेगी। विशेष रुप से बाघ, तेंदुआ, भालू आदि हिंसक जानवर जंगल से निकलकर जान माल की क्षति करते हैं, उस पर लगाम लगेगा। साथ हीं रौशनी में ग्रामीण भी जंगली जानवर को देखकर इसकी सूचना वन विभाग को दे सकेंगे। इस पहल से हिंसा कम होगी और जानवर एवं मनुष्य दोनों सुरक्षित रहेंगे। इस पहल पर ग्रामीणों ने हर्ष जताते हुए वन विभाग और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का आभार व्यक्त किया है।
- अभी पांच प्रोजेक्ट के तहत मंगुराहां, बजनी, हरकटवा, डुमरी, जम्हौली गांवों में लाइट लगाई जा रही है। यह प्रोजेक्ट लाईबली हुड, कांफिक्ट मैनेजमेंट के द्वारा किया जा रहा है। लाइट लगाने का उद्देश्य है कि जंगली जानवर गांवों की ओर रुख न करें। ज्यादा संभावना वाले जगहों पर हीं लाइट लगाई जा रही है। -कमलेश मौर्य अधिकारी, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ

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