Basant Panchami 2025: 3 फरवरी को बसंत पंचमी, जानिए क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व?
बसंत पंचमी का त्योहार इस साल 3 फरवरी सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। इस बार बसंत पंचमी पर अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना विशेष फलदायी रहेगा। सोमवार को सूर्योदय के बाद से सुबह 0936 बजे तक पूजा हेतु उत्तम मुहूर्त है। इस बीच कभी भी पूजन प्रारंभ कर अपने अनुसार समाप्ति व हवन किया जा सकता है।

शिल्पकार मांगीराम ने बताया कि उसके पास आठ सौ से अधिक प्रतिमा का ऑर्डर बुक है। उसके अलावा भी करीब चार सौ प्रतिमा बनाकर रखी हुई है, ताकि अंतिम समय में किसी को जरूरत लगे तो उसकी मांग को पूरा किया जा सके।
पूजन सामग्री से पटा पड़ा बाजार
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माता की पूजा के लिए पीला वस्त्र, पीला फूल, पीला फल के साथ मौसमी फल यथा गाजर, बेर, कोन, शीतल केसर, नारंगी, बुंदिया आदि फलों को विशेष रूप से उपयोग किया जाता है। -
इसके अलावा, माता को विद्या की अधिष्ठात्री देवी माना गया है तो इसके लिए कॉपी, कलम, रजिस्टर व किताब आदि भी माता को चढ़ाया जाता है। -
माता के लिए पीला वस्त्र सबसे उत्तम वस्त्र होता है। चढ़ाने व यजमान को पहनने से लेकर दान हेतु पीला वस्त्र सबसे उत्तम माना गया है।
आचार्य डॉ. अशोक कुमार मिश्र ने बताया कि इस बार यह त्योहार तीन फरवरी को मनाया जाएगा। माता की पूजा भी तीन फरवरी को ही होगी।
सूर्योदय के बाद से सुबह 09:36 बजे तक पूजा का उत्तम मुहूर्त
आचार्य ने बताया कि सोमवार को सूर्योदय के बाद से सुबह 09:36 बजे तक पूजा हेतु उत्तम मुहूर्त है। इस बीच कभी भी पूजन प्रारंभ कर अपने अनुसार समाप्ति व हवन किया जा सकता है। अति उत्तम फलदाई के लिए स्थिर लग्न व अभिजीत मुहूर्त में पूजा की जाती है। जो सुबह साढ़े सात बजे से 08:10 बजे तक है। इस बीच स्थिर लग्न होने से पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है।
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