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    Bihar IMD Report: पहले से कमर कस लें किसान! मौसम विभाग की ताजा जानकारी से बढ़ सकती है टेंशन

    Updated: Sun, 06 Apr 2025 05:41 PM (IST)

    नरकटियागंज में गर्मी का सितम जारी है। अप्रैल के पहले हफ्ते में ही तापमान 37 डिग्री के पार पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल के अंत तक तापमान 41 से 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। इस भीषण गर्मी से आम लोगों के साथ-साथ किसान भी परेशान हैं। खेतों में दरारें पड़ गई हैं और फसलें झुलस रही हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, नरकटियागंज। मौसम के तल्ख होने की रफ्तार तेज हो गई है। अप्रैल के प्रथम सप्ताह में तापमान 37 डिग्री के पार पहुंच गया है।

    आईएमडी के रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल के अंत तक 41 से 42 डिग्री सेंटीग्रेड तक तापमान पहुंच जाएगा। ऐसे में गर्मी का मौसम आम लोगों से लेकर खेती किसानी के लिए बेहद चुनौती पूर्ण रहने वाला है।

    दोपहर के पहले ही चिलचिलाती धूप के साथ पसीना निकलने की स्थिति बनी हुई है। जिन मार्गों पर दिनभर वाहनों और पैदल आने जाने वालों की चहल-पहल रहती थी, वहां वाहनों की आवागमन की संख्या कम हुई है।

    खासकर दोपहर के आसपास कई मार्गों में वाहन बेहद कम चल रहे हैं। गन्ना किसानों को फसल की सिंचाई की आपाधापी मची हुई है। तेज धूप के साथ हवा के कारण खेतों की नमी तेजी से कम हो रही है।

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    जिन किसानों ने दो सप्ताह पहले गन्ने की सिंचाई कर दी थी, उन खेतों में दरार पड़ गए हैं। किसान महेंद्र यादव और शैलेश मणि शुक्ला ने बताया कि कुछ खेतों तक तो बिजली पहुंच गई है।

    वहां बोरिंग और मोटर से सिंचाई कर ली जा रही है। सबसे अधिक चिंता उन फसलों को बचाने की है, जहां बिजली नहीं पहुंची है। एक दशक से अधिक समय से नहरों में पानी नहीं आ रहा है। नहर बेकार पड़े हुए हैं।

    नरकटियागंज कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ आरपी सिंह ने बताया कि तापमान तेजी से बढ़ रहा है। आईएमडी के रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल के अंत तक 42 डिग्री तापमान पहुंच जाएगा। किसानों को गन्ना व अन्य फसलों को झुलसने से बचाने के लिए समय-समय पर सिंचाई करने की जरूरत है।

    सुख गई कई नदियां, तड़प रहे बेसहारा मवेशी

    कई नदियां सुख गई हैं। जिनमें मार्च तक 1 से 2 फीट पानी बह रहा था और किसान तटीय क्षेत्रों में फसलों की सिंचाई कर ले रहे थे। अब उन्हें भी संकट का सामना करना पड़ रहा है।

    प्रखंड क्षेत्र के अजुआ, मुजौना, पिपरा, सुगौली, बनवरिया, मुरली, खरकटवा, रामपुर, सकरौल समेत कई गांवों के किसान चिंतित हैं। जगह-जगह नदियों में बने गड्ढों में जमा पानी से भी फसलों की सिंचाई करना मुश्किल है।

    उधर, सुगौली और बनवरिया पंचायत में नीलगायों से किसानों को नुकसान हो रहा है। यह स्थिति करीब दो महीने से क्षेत्र में बनी हुई है। इस गर्मी में उन नीलगायों के लिए भी चारा और पानी की समस्या उत्पन्न हुई है।

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