Bihar: भालुओं के हमले में दो किसान जख्मी, जंगली जानवरों से धान की फसल को बचाने गए थे खेत
Bihar News गोड़ार गांव में खेत की रखवाली करने पहुंचे दो किसानों को भालुओं ने हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया। किसान धान की फसल लगे जंगल से सटे अपने खेत की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान झाड़ियों में छिपे करीब आधा दर्जन भालुओं के समूह में से दो ने उनपर हमला कर दिया जिसमें दो किसान गंभीर रूप से घायल हो गए।

हरनाटाड़, संवाद सूत्र : वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोनौली वन क्षेत्र अंतर्गत गोड़ार गांव के सरेह में सोमवार की सुबह खेत की रखवाली करने पहुंचे दो किसानों को भालुओं ने हमला कर बुरी तरह जख्मी कर दिया।
बताते चलें कि गोड़ार गांव के कुछ किसान धान की फसल लगे जंगल से सटे अपने खेत की तरफ जा रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि जंगली भैंसा धान की फसल को बर्बाद कर रहा है।
झाड़ियों में छिपे भालुओं ने किया हमला
लाठी-डंडा लिए किसान शोर मचाते हुए उसे भगाने में जुट गए। इसी दौरान झाड़ियों में छिपे करीब आधा दर्जन भालुओं के समूह में से दो ने उनपर हमला कर दिया, जिसमें दो किसान गंभीर रूप से घायल हो गए।
किसानों की पहचान वाल्मीकिनगर थाना क्षेत्र के गोड़ार गांव निवासी श्रवण चौधरी व प्रेम चौधरी के रूप में की गई है। हमले के बाद जैसे-तैसे किसानो ने अपनी जान बचाई। कुछ किसानों ने पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई।
घायलों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया भर्ती
इस दौरान अन्य किसानों का समूह शोर मचाते हुए वहां पहुंचा, तब जाकर भालू खेत से जंगल की ओर भागे। ग्रामीणों ने घायलों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरनाटाड़ में भर्ती कराया, जहां मौजूद चिकित्सक डॉ. राजेन्द्र काजी ने घायलों को प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया।
चिकित्सक डॉ. काजी ने बताया कि ये भालू के हमले से घायल होना प्रतीत हो रहा है। भालू ने अपने पंजे से हमला कर श्रवण चौधरी के मुंह में काफी गहरा जख्म दिया है, जबकि प्रेम चौधरी के हाथों और सिर पर पंजे के निशान हैं।
चिकित्सक ने घायलों का इलाज कर बेहतर उपचार के लिए अनुमंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया था। हालांकि, घायलों के स्वजन ने उन्हें हरनाटाड़ के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया है। जहां वे इलाजरत हैं।
जंगली जानवरों के समूह खेत की फसल कर रहे बर्बाद
गोड़ार निवासी व चम्पापुर गोनौली पंचायत के पूर्व सरपंच सुरेंद्र महतो ने बताया कि जंगल से सटे खेत होने की वजह से आए दिन जंगली जानवरों के समूह खेत की फसल को बर्बाद कर रहे हैं, जिन्हें बचाने के लिए हम किसानों के प्रयास नाकामयाब साबित हो रहे हैं।
फसलों के साथ साथ अब तो इंसानों को भी बचाने की नौबत आ गई है। वन विभाग के अधिकारियों को इस समस्या से हमें शीघ्र निजात दिलाने की जरूरत है।
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