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    Bihar School: सरकारी स्कूलों में हो रहे फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम, अब फेस रिकग्निशन से बच्चों की होगी हाजिरी

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 03:40 PM (IST)

    बिहार के स्कूलों में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए फेस रिकग्निशन सिस्टम से हाजिरी शुरू की जाएगी। इस नई प्रणाली से छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी और फर्जी छात्रों की पहचान हो सकेगी। सरकार का मानना है कि इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी।

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    सरकारी स्कूलों में फेस से बच्चों की बनेगी उपस्थिति। सांकेतिक तस्वीर

    संवाद सहयोगी, बेतिया। सभी सरकारी प्राथमिक, मध्य, उच्च एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अब विद्यार्थियों की उपस्थिति टैब के माध्यम से दर्ज की जाएगी। इसके लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक (एसपीडी) मयंक वरवड़े ने इस संबंध में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ईई व एसएसए को निर्देश दिया है।

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    आदेश में कहा है कि विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए चेहरे की पहचान पर आधारित प्रणाली को लागू किया जाएगा। इसमें किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकेगा।

    वहीं फर्जी हाजिरी बनाकर मिड डे मील में चोरी करने वाले एचएम पर भी इसे लगाम लगेगा। इससे पहले राज्य के पांच जिले के पांच-पांच स्कूलों में तीसरी कक्षा के बच्चों की हाजिरी बनाने से इसकी शुरुआत हुई थी।

    इसमें सफलता मिलने के बाद राज्य भर में इसके रॉलआउट को लेकर तैयारियां शुरू की गई है। हाजिरी टैबलेट के माध्यम से बनाई जाएगी। इस कार्य के लिए एजेंसी का चयन किया गया है।

    एजेंसी की ओर से इसको लेकर जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। टैबलेट में एप्लीकेशन डाउनलोड किया जाएगा। एसपीडी ने जिला स्तर पर इससे संबंधित सभी तरह के कार्य के लिए डीपीओ को नोडल अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश डीईओ को दिया है। इसके अनुश्रवण को लेकर टीम के गठन का भी निर्देश एसपीडी ने सभी डीईओ को दिया है।

    फेस रिकग्निशन सिस्टम से होगी पहचान

    चेहरे की पहचान आधारित प्रमाणीकरण प्रणाली एक ऐसी तकनीक है जो किसी व्यक्ति के चेहरे के डिजिटल चित्र के जरिए उसकी पहचान करती है और उसे सत्यापित करती है। इस प्रणाली में छेड़छाड़ रहित ,समय की बचत व मैन्युअल एंट्री की गुंजाइश नहीं है।

    बता दें कि इसके लिए सभी स्कूलों को दो-दो टैब दिए गए हैं। एक टैब हेडमास्टर और दूसरा सहायक शिक्षक के पास रहेगा। डीपीओ कुमार अनुभव ने बताया कि यह टैब ना केवल बच्चों की फोटो के साथ हाजिरी बनाएगा, बल्कि कक्षा में पढ़ाए जाने वाले तस्वीर के साथ ही शिक्षक क्या पढ़ा रहे, यह भी अपलोड होगा।

    सहायक शिक्षक पहली घंटी में सभी कक्षा में जाकर फोटो अपलोड करेंगे। इस टैब में ऑटोमेटिक व्यवस्था है, जिसमें बच्चों और शिक्षकों के सामने आते ही उनकी फोटो खिचेंगी।

    पहली के साथ अंतिम घंटी की कक्षा की भी फोटो ली जाएगी। इन दोनों का मिलान किया जाएगा कि बीच में कितने बच्चे कम हुए। इस टैब में बायोमैट्रिक की भी व्यवस्था की गई है।