Bihar Politics: नीतीश को एक और बड़ा झटका, पूर्व मंत्री ने वोटिंग से पहले छोड़ा साथ; JDU से इस्तीफा
पूर्व मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी। खुर्शीद ने स्वाभिमान और क्षेत्र की जनता के हित में यह फैसला लिया है। वहीं, सिकटा के पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के पुत्र आयुष वर्मा ने जदयू का दामन थामा है और वे सिकटा विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।

बिहार सीएम नीतीश कुमार।
संवाद सूत्र, इनरवा। पूर्व मंत्री खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद ने जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को पुरूषोत्तमपुर स्थित अपने आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व मंत्री ने बताया कि सूबे के मुख्यमंत्री सह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को पत्र भेजकर इस्तीफा देने की जानकारी दी है।
उन्होंने कहा है कि आपके साथ जदयू में काम किया। साथ ही आपसे आत्मीय संबंध भी रहा, परन्तु आज कहीं न कहीं अपने स्वाभिमान एवं अंतरआत्मा की आवाज सुनकर सिकटा क्षेत्र की जनता के हक में जदयू की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं।
मौके पर सत्येन्द्र यादव, अजय यादव प्रमुख प्रतिनिधि गणेश साह, भूषण प्रसाद, राजू विश्वास, शेख सालमगीर, कयामुद्दीन कमर, वसीम आलम, फिरोज आलम आदि मौजूद रहे।
सिकटा के पूर्व विधायक पुत्र ने थामा जदयू का दामन, लड़ेंगे चुनाव
दूसरी ओर, सिकटा के पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के पुत्र समृद्ध उर्फ आयुष वर्मा ने जदयू का दामन थाम लिया है। वे सिकटा विधानसभा से जदयू के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। वे पिछले चार वर्ष से भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता थे। सिकटा विधानसभा एनडीए गठबंधन में जदयू कोटा में जाने के कारण उन्हें जदयू की सदस्यता दिलाकर पार्टी ने चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है। वे 18 अक्टूबर को नरकटियागंज में नामांकन करेंगे।
पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के एकलौते पुत्र 37 वर्षीय आयुष वर्मा ने हायर सेकेंडरी की पढाई सिंधिया स्कूल ग्वालियर से की है, जबकि नार्सी मॉर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट से स्नातक और स्नाकोत्तर की डिग्री यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया लॉस एंजेलिस से किया है।
इनके पिता दिलीप वर्मा सिकटा विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रह चुके हैं। 2020 में सिकटा विधानसभा जदयू के कोटे में जाने के कारण दिलीप वर्मा को टिकट नहीं मिला था। वे निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे। इस वजह से जदयू के खुर्शीद उर्फ फिरोज अहमद चुनाव हार गए थे।
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