Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: दो लोगों को मारकर रिहायशी इलाके में छुपा बाघ 12 दिन बाद धराया

    By Prabhat Mishra Edited By: Ajit kumar
    Updated: Mon, 13 Oct 2025 08:08 PM (IST)

    पश्चिमी चंपारण के गौनाहा में रिहायशी इलाके में दहशत फैलाने वाले बाघ को वन विभाग ने रेस्क्यू कर पटना जू भेज दिया है। शूटरों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज किया, जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बाघ, जो वीटीआर से भटक गया था, दो लोगों को मार चुका था। सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया। बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया और उसे स्वस्थ पाया गया।

    Hero Image

    वन विभाग के पिंजरे में कैद बाघ और रेस्क्यू अभियान में शामिल हाथी। सौ. वीटीआर 

    संवाद सूत्र, गौनाहा (पश्चिमी चंपारण)। Bihar News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मंगुराहा वन परिक्षेत्र से भटककर गौनाहा के रिहायशी इलाके में बीते एक अक्टूबर से दो लोगों की हत्या करने के बाद दहशत फैला चुके बाघ को आखिरकार बीती रात रेस्क्यू कर लिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रविवार की रात लगभग 11 बजे सिसई गांव के सरेह में धान की रखवाली के लिए बने मचान से शूटरों ने बाघ को ट्रेंकुलाइज किया। बाघ के रेस्क्यू के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और वन विभाग की टीम की सराहना की।

    बाघ के ट्रेंकुलाइज होने के बाद डॉक्टर संजीव कुमार, राकेश कुमार और मनोज टोनी ने उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया। जांच में वह स्वस्थ पाया गया है। इसके बाद उसे रात में ही रेस्क्यू वैन से सुरक्षित पटना जू भेज दिया गया है।

    tiger catching 1

    नर बाघ की अवस्था करीब 12 वर्ष है। वीटीआर के क्षेत्र निदेशक डा नेशा मणी के ने बताया कि बाघ जंगल से भटककर रिहायशी क्षेत्र में मानव एवं मवेशियों पर हमला कर रहा था। बाघ की गतिविधि गांवों एवं सरेह में होने के कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से उसे पटना संजय गांधी जैविक उद्यान भेजा गया है।

    बता दें कि वन विभाग ने इस रेस्क्यू में कोई कसर नहीं छोड़ी। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल किया गया। साथ ही दो प्रशिक्षित हाथियों की मदद से खेतों और झाड़ियों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। वह बार-बार लोकेशन बदल रहा था।

    tiger catching 2

    तलाशी अभियान में हाथियों की मदद ली गई। ड्रोन कैमरा उसकी तलाश में काफी सहायक हुआ। इस अभियान में नेपाल के चितवन के वन कर्मियों की भी मदद ली गई।

    बाघ के रेस्क्यू अभियान का नेतृत्व सीएफ डा नेशा मणि के ने किया। टीम में डीएफओ शिखर प्रधान, रेंजर सुनील कुमार पाठक सहित कई वनकर्मी शामिल थे। पटना से आए शूटरों ने बाघ को सटीक निशाने से ट्रेंकुलाइज किया।

    बाघ का एक दांत टूटा हुआ मिला

    गन्ने के खेत में छिपे बाघ को वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया। वन कर्मियों ने पहले खेत को चारों ओर सफेद कपड़े से घेर लिया ताकि बाघ की आंखों में चमक पड़े और उसे नियंत्रित किया जा सके।

    कई प्रयासों के बावजूद बाघ ने घेरा तोड़कर दूसरे खेत में शरण ले ली। फिर फसल रखवाली के लिए बने मचान से उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। सूत्रों के अनुसार बाघ का एक दांत टूटा हुआ है।

    इन लोगों को बाघ ने बनाया था निवाला

    एक अक्टूबर को बाघ ने फिर पंडई नदी के समीप हमला किया। खेखरिया टोला निवासी 61 वर्षीय रामकिशुन महतो को मार डाला। किशुन महतो का शव घसीटकर बाघ करीब एक किमी अंदर जंगल में ले गया था। वहां से शव का कुछ अवशेष मिला था।

    वहीं तीन अक्टूबर को बाघ ने बनहवा मटियरिया के भजन मांझी का शिकार किया था। वे मवेशी चराने के लिए सरेह में गए थे।शव गांगुली नदी के किनारे मिला था। गोबर्धना के जंगल से करीब 100 मीटर दूर की यह घटना थी।

    जंगल से आठ किमी दूर बनाया था अधिवास

    दो लोगों को मारने के बाद बाघ जंगल से आठ किमी दूर सिसई गांव के समीप गन्ने के खेत में अधिवास बना लिया था। पिछले 12 दिनों में बाघ लगातार लोकेशन बदल रहा था।

    सोफा, कैरी, मानपुर, भवानीपुर, बलबल, बेतहनिया टारी, बजनी, पिड़ारी, मंडिहा, मटियरिया, जम्हौली, परसा, बखरी, सिठी, बनकटवा, रुपौलिया एवं सिरिसिया गांव के समीप सरेह में ठिकाना बदल रहा था।



    विगत एक अक्टूबर से जंगल से आठ किमी दूर भटकर कर आए बाघ का रेस्क्यू कर लिया गया। विपरीत परिस्थिति में रेस्क्यू टीम ने बेहतर कार्य किया। ग्रामीणों का भी सहयोग मिला। बाघ को सुरक्षा के दृष्णिकोण से पटना संजय गांधी जैविका उद्यान भेजा गया है।

    -

    डा. नेशा मणी के, क्षेत्र निदेशक, वीटीआर