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    Bihar New District: बगहा को आखिर कब तक करना होगा इंतजार? चुनावी मौसम में फिर गूंजेगा जिला बनाने का मुद्दा

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 10:14 AM (IST)

    आगामी विधानसभा चुनाव में बगहा को जिला बनाने का मुद्दा फिर से उठेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार इसका आश्वासन दिया पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ। बगहा के लोगों को जिला मुख्यालय जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है और वहां जिला स्तर की सुविधाओं की कमी है। जनता अब ठोस कार्रवाई चाहती है सिर्फ वादे नहीं।

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    बगहा को आखिर कब तक करना होगा इंतजार

    विनोद राव, बगहा। आगामी विधानसभा चुनाव में बगहा को राजस्व जिला बनाने का मुद्दा एक बार फिर से प्रमुख रूप से उठेगा। बीते कई वर्षों से यह मांग क्षेत्र की जनता की पहली प्राथमिकता बनी हुई है।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पांच साल में पांच बार से अधिक वाल्मीकिनगर की यात्रा कर चुके हैं। हर बार बगहा को जिला बनाने का आश्वासन जनता को दे चुके हैं। हाल ही में वाल्मीकिनगर के कन्वेंशन सेंटर के लोकार्पण कार्यक्रम में भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी बगहा को जिला बनाने की बात दोहराई थी।

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    उस समय कुछ जनप्रतिनिधि जनता के बीच इस बात की चर्चा की थी कि अप्रैल में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस संबंध में घोषणा हो सकती है, लेकिन उम्मीदों के विपरीत ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया।

    इससे जनता में गहरा आक्रोश है। इसको लेकर इंटरनेट मीडिया पर भी खूब चर्चा चली। स्थानीय लोगों का मानना है कि हर चुनाव से पहले नेताओं द्वारा इस मुद्दे को केवल राजनीतिक लाभ के लिए उठाया जाता है, लेकिन चुनाव बाद यह ठंडे बस्ते में चला जाता है। अब जनता इस बार नेताओं से सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस निर्णय चाहती है।

    70 किलोमीटर दूरी तय कर पहुंचते हैं जिला मुख्यालय

    बगहा अनुमंडल के सात प्रखंडों के लोगों को जिला मुख्यालय बेतिया पहुंचने के लिए 70 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। बगहा एक, बगहा दो, रामनगर, ठकराहा, भितहा, मधुबनी और पिपरासी प्रखंडों में जिला स्तर की सुविधाओं की भारी कमी है।

    स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर सिर्फ अनुमंडलीय अस्पताल है, जहां चिकित्सकों और जरूरी संसाधनों की कमी बनी रहती है। बगहा में लंबे समय से जिला स्तर की सुविधाओं की कमी महसूस की जा रही है।

    प्रशासनिक कामों के लिए लोगों को दूर-दराज के जिलों का रुख करना पड़ता है, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है।इस बार चुनावी माहौल में जनता का रुख स्पष्ट है। यदि बगहा को जिला नहीं बनाया गया, तो इसका सीधा असर पड़ेगा।

    जनता अब जागरूक हो चुकी है और सिर्फ वादों पर भरोसा नहीं करने वाली। इसलिए बगहा को जिला बनाने का मुद्दा एक बार फिर चुनावी रणभूमि में प्रमुखता से छाया रहेगा।लोगों का कहना है कि 25 साल से अधिक से पार्टियां आश्वासन दे रही हैं।