Bihar Jamin Registry: जल्द होगी पेपरलेस जमीन की रजिस्ट्री, 5 जिलों में ट्रायल शुरू
बिहार में जमीन की रजिस्ट्री अब पेपरलेस होने जा रही है। सरकार ने इसकी शुरुआत करते हुए पांच जिलों में ट्रायल शुरू कर दिया है। इस नई व्यवस्था से जमीन की ...और पढ़ें

मो. अब्बु साबीर, बगहा। राज्य में जमीन की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। बहुत जल्द जमीन की रजिस्ट्री पूरी तरह पेपरलेस होने जा रही है। इसके लिए फिलहाल राज्य के पांच जिलों में ट्रायल शुरू कर दिया गया है। ट्रायल में आरा, केसरिया, शेखपुरा, सोनपुर और विक्रम जिला को शामिल किया गया है।
इन जिलों में पेपरलेस रजिस्ट्री की प्रक्रिया का परीक्षण किया जा रहा है, ताकि तकनीकी और व्यावहारिक खामियों को दूर कर इसे पूरे राज्य में लागू किया जा सके। पेपरलेस रजिस्ट्री व्यवस्था लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री के लिए कागजातों के भारी-भरकम फाइलों से छुटकारा मिलेगा। अब दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे और सत्यापन भी डिजिटल माध्यम से किया जाएगा।
इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। अधिकारियों के अनुसार, इस नई व्यवस्था से फर्जीवाड़े और दलालों की भूमिका पर भी अंकुश लगेगा। राजस्व एवं निबंधन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, पेपरलेस रजिस्ट्री के तहत जमीन से संबंधित सभी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। खरीदार और विक्रेता को बार-बार कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
रजिस्ट्री के दौरान बायोमेट्रिक सत्यापन, डिजिटल सिग्नेचर और ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की जा रही है। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया और अधिक सुरक्षित होगी।
बताते चलें कि वर्तमान में ऑनलाइन रजिस्ट्री सेवा उपलब्ध है। इससे भी बिचौलियों पर नकेल कसी गई है। पेपरलेस रजिस्ट्री सुविधा से बिचौलियों पर पूरी तरह नकेल कस जाएगी। विभागीय जानकारी के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में रजिस्ट्री से 37 करोड़ 72 लाख रुपये के राजस्व संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अधिकारियों को उम्मीद है कि पेपरलेस प्रणाली लागू होने से रजिस्ट्री की संख्या में बढ़ोतरी होगी और राजस्व लक्ष्य को हासिल करने में आसानी होगी। साथ ही आम लोगों को भी त्वरित और भरोसेमंद सेवा मिल सकेगी। ट्रायल जिलों में मिले अनुभव के आधार पर आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं।
तकनीकी टीम लगातार सिस्टम की मॉनिटरिंग कर रही है, ताकि सर्वर, सॉफ्टवेयर और नेटवर्क से जुड़ी समस्याओं को समय रहते दूर किया जा सके। यदि ट्रायल सफल रहा, तो जल्द ही इसे राज्य के सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
जानकारों का मानना है कि पेपरलेस जमीन रजिस्ट्री व्यवस्था से न केवल आम जनता को सुविधा मिलेगी, बल्कि प्रशासनिक कार्यों में भी तेजी आएगी। जमीन से जुड़े विवादों में कमी आएगी और रिकॉर्ड सुरक्षित रहेंगे। यह कदम डिजिटल बिहार की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है।

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