Bihar Bhumi: अंचल और नगर परिषद के अधिकार विवाद में लाखों की सरकारी जमीन पर कब्जा, भू-माफिया सक्रिय
बिहार के पश्चिम चंपारण में अंचल और नगर परिषद के अधिकार क्षेत्र के विवाद के कारण लाखों की सरकारी जमीन पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। इस विवाद के च ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, बगहा। नगर में अंचल कार्यालय और नगर परिषद के आपसी अधिकार क्षेत्र की लड़ाई के कारण लाखों रुपये की कीमती सरकारी जमीन पर खुलेआम अतिक्रमण हो रहा है। नगर के एनएच–727 मुख्य सड़क के दोनों किनारे स्थित रत्नमाला के पास धोबी घाट तालाब की बहुमूल्य जमीन को भरकर भू-माफिया लगातार कब्जा कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार धोबी घाट तालाब की जमीन राजस्व विभाग की है, जिसका संरक्षण किया जाना जरूरी है। बावजूद इसके तालाब को मिट्टी से भरकर प्लॉटिंग की जा रही है और धीरे-धीरे स्थायी निर्माण की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। यह सब नगर के मुख्य मार्ग पर खुलेआम हो रहा है, लेकिन न तो अंचल प्रशासन और न ही नगर परिषद की ओर से अब तक ठोस कार्रवाई देखने को मिली है।
इस मामले में अंचलाधिकारी नर्मदा श्रीवास्तव ने इसे नगर परिषद का विषय बताते हुए अपनी जिम्मेदारी से इनकार किया है। वहीं, नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि संबंधित जमीन अंचल के अंतर्गत आती है और कार्रवाई की जिम्मेदारी राजस्व विभाग की है। दोनों विभागों के बीच चल रही इस आपसी खींचतान का सीधा फायदा अतिक्रमणकारियों को मिल रहा है और वे बेखौफ होकर लाखों रुपये की जमीन पर कब्जा करते जा रहे हैं।
इसी तरह प्राथमिकी व रोक के बावजूद लाखो की कीमती जमीन पर भवन का निर्माण कर लिया गया है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि राजस्व विभाग समय-समय पर सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के बड़े-बड़े दावे तो करता है, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं दिखती। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में तालाब पूरी तरह समाप्त हो जाएगा, जिससे पर्यावरण और जल संरक्षण को भी भारी नुकसान होगा।
नगरवासियों ने इस पूरे मामले में लापरवाह अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही अतिक्रमण की गई तालाब की जमीन को अविलंब अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग वरीय अधिकारियों से की है। लोगों का कहना है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सरोज कुमार बैठा ने बताया कि सूचना मिलने के बाद अमीन को स्थल पर भेजकर अतिक्रमण की प्रक्रिया को फिलहाल रुकवाया गया है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ अग्रेतर कानूनी कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी सरकारी जमीन पर कब्जा नहीं करने दिया जाएगा।
हालांकि, अब देखना यह होगा कि अंचल और नगर परिषद के बीच चल रहे अधिकार विवाद का समाधान कब होता है और कब तक धोबी घाट तालाब की कीमती जमीन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया जा सकेगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।