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    Bihar Education Department: स्कूल-कॉलेजों में कुत्ता मिला तो प्रधानाध्यापक, बीईओ और डीईओ होंगे उत्तरदायी

    Updated: Mon, 24 Nov 2025 02:07 PM (IST)

    बिहार शिक्षा विभाग ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार स्कूल या कॉलेज परिसर में कुत्ते मिलने पर प्रधानाध्यापक, बीईओ और डीईओ जिम्मेदार होंगे। यह आदेश स्कूलों और कॉलेजों में स्वच्छता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है। विभाग ने सभी अधिकारियों को आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।

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    संवाद सहयोगी, बेतिया। जिले के सभी निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों (स्कूल, कालेज, कोचिंग) में भटकते कुत्तों के प्रवेश पर रोक लगाने और सुरक्षा उपाय करने के लिए शिक्षा विभाग ने नया एसओपी जारी किया है। इसके लिए सुरक्षा उपायों एवं मध्याह्न भोजन से उत्पन्न खाद्य अपशिष्ट के सुरक्षित प्रबंधन को लेकर निर्देश जारी किया गया है।

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    सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी राजेंद्र ने निर्देश जारी किया है। साथ ही स्कूल-कालेज की चहारदीवारी व फेंसिंग को मजबूत करने को कहा गया है। विद्यालय संचालन के समय मुख्य द्वार को सुरक्षित रूप से बंद रखने का निर्देश है।

    विद्यालय परिसर के सभी खुले हिस्से, जहां से कुत्तों का प्रवेश संभव हो, अविलंब बंद करने को कहा गया है। हर विद्यालयों में भटकते कुत्तों को भोजन न दें का बोर्ड लगाना अनिवार्य होगा। मिड डे मील कक्ष के चारों ओर सुरक्षात्मक फेंसिंग लगाना अनिवार्य होगा। किसी भी परिस्थिति में विद्यालय परिसर में कुत्तों को भोजन देना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

    जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि सभी विद्यालयों, कालेजों व कोचिंग संस्थानों की पहचान कर दो सप्ताह में सूची बनाकर जिला पदाधिकारी को दी जाए। इसके तहत जिले के सभी सरकारी व निजी शैक्षणिक संस्थानों की सूची तैयार की जाएगी एवं इसकी एक प्रति जिला पदाधिकारी को उपलब्ध करायी जाएगी।

    यह अंकित किया जाएगा कि कुत्ते के काटने व खरोंचने पर अविलंब निकटतम स्वास्थ्य केंद्र अथवा नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। इससे संबंधित बोर्ड भी परिसर में लगाया जाएगा। संदिग्ध एवं आक्रामक व्यवहार वाले कुत्तों की सूचना तत्काल वार्ड पार्षद को दें। इसके लिए सभी संस्थानों में नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा। नोडल पदाधिकारी का नाम, पदनाम एवं मोबाइल नंबर विद्यालय के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शित किया जाएगा।

    तीन माह पर बीईओ करेंगे स्कूलों का निरीक्षण

    किसी भी विद्यालय में अवशिष्ट भोजन के कारण कुत्तों की उपस्थिति पाई जाने पर प्रधानाध्यापक, बीईओ तथा डीईओ संयुक्त रूप से उत्तरदायी माने जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक तीन माह पर बीईओ द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।

    मिड डे मील से संबंधित निर्देशों में कहा गया है कि भोजन का गिरना, बचा हुआ भोजन खुले में फेंकना या अपशिष्ट जल का बहना परिसर में कुत्तों के आने की संभावना बढ़ाता है, इसलिए खाद्य अपशिष्ट का सुरक्षित निपटान अनिवार्य किया जाएगा। वहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा हर तीन माह में स्कूलों का निरीक्षण और विद्यालयों से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट राज्य मुख्यालय भेजी जाएगी।

    छात्रों व शिक्षकों को किया जाएगा जागरूक

    विद्यालयों में प्रत्येक माह छात्रों व कर्मियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा सुरक्षित शनिवार कार्यक्रम के तहत बच्चों को जानकारी मुहैया करायी जाएगी। जिनमें पशुओं के आक्रमक व्यवहार बचाव उपाय प्राथमिक उपचार को जानकारी दी जाएगी।

    वहीं, आवारा कुत्तों द्वारा घायल या काटे जाने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र और डाक्टर से संपर्क करना भी होगा। कहा गया है कि पकड़े गए कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नही छोड़ा जाएगा। स्थानीय निकाय कुत्तों को पकड़कर, नसबंदी, टीकाकरणकर, कुत्ते को निर्धारित आश्रय स्थल पर भेजेंगे।