Bettiah News: कोरोना के नए वेरिएंट की दस्तक से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों ने बढ़ाई चिंता
बेतिया जिले में कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे के बीच स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां अधूरी हैं। जीएमसीएच में ऑक्सीजन प्लांट चालू हैं लेकिन नरकटियागंज और बगहा के अनुमंडलीय अस्पतालों में प्लांट ठप हैं। सर्दी-जुकाम की जांच की व्यवस्था भी नहीं है। विभाग अलर्ट है और गाइडलाइन का इंतजार कर रहा है।
जागरण संवाददाता, बेतिया। भारत में कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 ने दस्तक दे दी है, लेकिन इससे लड़ाई को लेकर जिले के स्वास्थ्य महकमा की ऑक्सीजन को लेकर सांस फूलने लगी है। एक तरफ जीएमसीएच परिसर में लगे एक एलएमओ, तीन पीएसए व एक 280 पीएसए प्लांट पूरी तरह से फंक्शनल हैं तो दूसरी तरफ नरकटियागंज व बगहा अनुमंडलीय में लगा ऑक्सीजन प्लांट ठप है।
इतना ही नहीं अस्पतालों में सर्दी-जुकाम व बुखार (सिमटोमिक) की जांच की कोई व्यवस्था नहीं है। नरकटियागंज अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासन का कहना है कि प्लांट चालू करने के लिए इंजीनियरिंग की टीम जांच की है,जल्द ही चालू कर दिया जाएगा।
बगहा अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में लगा प्लांट अब तक चालू नहीं हो सका है। कुव्यवस्था का आलम यह है कि प्लांट से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगे पाइप को चोर काट ले गए हैं। सिविल सर्जन . विजय कुमार का कहना है कि कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रखा गया है।
बगहा में 30 बेड व नरकटियागंज में 8 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर सीएचसी तक में प्रर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। जीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. सुधा भारती ने बताया कि जीएमसीएच के सी-ब्लॉक में प्रथम फ्लोर पर 30 बेड आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है।
विभाग की गाइडलाइन का इंतजार
जिले में कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ाई के लिए भले ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में रहने का दावा कर रहा है, लेकिन वह विभाग की ओर से जारी होने वाले गाइडलाइन का इंतजार कर रहा है। गनीमत की बात यह है कि अब तक जिले में एक भी कोरोना के मरीज नहीं मिले हैं।
हालांकि, जीएमसीएच के अधीक्षक का कहना है कि कोरोना जेएन.1 से लड़ने को लेकर सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गई है। पर्याप्त मात्रा दवाइयां व जांच के लिए 500 किट भी उपलब्ध है। मेडिसिन विभाग के वरीय चिकित्सक डॉ. सुमित कुमार को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।
साथ ही चिकित्सकों से लेकर नर्सिंग कर्मियों को अलर्ट मोड में रखा गया है,ताकि कोरोना के मरीज अगर पाए जाते हैं,तो उनके इलाज में किसी तरह की चूक या कमी नहीं रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।