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    Bettiah: जेल अधीक्षक की पहल पर बंदियों ने तैयार किया भव्‍य चबूतरा, 26 जनवरी को फहराया जाएगा तिरंगा

    By Sunil TiwariEdited By: Prateek Jain
    Updated: Mon, 09 Jan 2023 05:59 PM (IST)

    जब आवश्यकता पड़ती है तो इंसान उसके समाधान का रास्ता भी तलाश लेता है। बेति‍या मंडलकारा के बंदियों ने कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। जेल अधीक्षक की पहल पर बंदियों ने खुद श्रम कर जेल में भव्य चबूतरे का निर्माण किया है। (फाइल फोटो)

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    जेल अधीक्षक की पहल पर बंदियों ने खुद श्रम कर जेल में भव्य चबूतरे का निर्माण किया है।

    बेतिया, जागरण संवाददाता: एक कहावत है आवश्यकता सृजन की जननी है। जब आवश्यकता पड़ती है तो इंसान उसके समाधान का रास्ता भी तलाश लेता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मंडलकारा के बंदियों ने। जेल अधीक्षक की पहल पर बंदियों ने खुद श्रम कर जेल में भव्य चबूतरे का निर्माण किया है।

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    चबूतरे का नामकरण महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर किया गया। 180 वर्गफीट और तीन फीट ऊंचे चबूतरे का उद्घाटन आगामी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर होगा। 26 जनवरी को जेल में इसी चबूतरे पर तिरंगा फहराया जाएगा। जेल परिसर के एक किनारे निर्माण किए जाने से इसका अन्य काम में भी उपयोग किया जाएगा।

    अब आयोजन में होगी सुविधा

    बताया जाता है कि सरकार के निर्देश पर समय-समय पर जेल में विभिन्न प्रकार के आयोजन होते रहते हैं। बंदी नियमित जेल कैंपस में योग भी करते हैं। जेल में किसी प्रकार के आयोजन होने पर मंच की कमी खलती थी। तब बाहर से चौकी लाकर मंच बनाया जाता था। कार्यक्रम समाप्ति के बाद सुरक्षा के लिहाज से चौकी को तुरंत हटाना पड़ता था। योगाभ्यास के दौरान योग ट्रेनर को भी बंदियों को योग सिखाने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब चबूतरा निर्माण हो जाने से इन सारी समस्याओं से मुक्ति मिल गई है।

    पुराने ईंट से बनाया गया चबूतरा

    पहले झंडा तोलन के लिए जेल में दो-तीन फीट का एक छोटा चबूतरा था। मिट्टी भराई होने के कारण चबूतरा काफी नीचे हो गया था, लेकिन नया चबूतरा जेल कैंपस के उत्तरी छोर पर बनाया गया है। इसके सामने खुला मैदान है। इसके निर्माण में पुराने चबूतरा से निकली ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। पुरानी बेकार ईंटों को पहले एकत्रित किया गया। फिर कुछ सामग्री कारा कर्मियों ने जुटाई। राजमिस्त्री के काम में ट्रेंड बंदियों ने देखते ही देखते चबूतरा का निर्माण कार्य पूरा कर लिया।

    बंदियों ने जेल प्रशासन की देखरेख में स्वेच्छा से खुद परिश्रम कर एक चबूतरे का निर्माण किया है। इससे जेल में होने वाले आयोजनों में सुविधा होगी। - अमरजीत सिंह, जेल अधीक्षक, बेतिया।

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