Bihar News: 14 साल पुराने मर्डर केस में बहस पूरी, 27 नवंबर को आएगा फैसला
बगहा में 14 साल पुराने हत्या मामले की सुनवाई पूरी हो गई है, जिसका फैसला 27 नवंबर को सुनाया जाएगा। बचाव पक्ष ने सूचक की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए हैं, जबकि अभियोजन पक्ष ने गवाहों के बयानों का समर्थन किया है। अदालत ने गवाहों की अनुपस्थिति पर पुलिस को फटकार लगाई थी।

प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)
जागरण संवाददाता, बगहा। बगहा के चर्चित 14 वर्ष पुराने हत्या मामले की सुनवाई जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्र की अदालत में सोमवार को पूरी हो गई। लंबे समय से लंबित इस मामले में अब अदालत अपना फैसला 27 नवंबर को सुनाएगी। दोनों पक्ष इस अहम निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।
बहस के दौरान बचाव पक्ष ने अदालत को बताया कि केस की सूचक मुमताज देवी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उनकी गवाही भरोसेमंद नहीं मानी जा सकती। बचाव पक्ष ने यह भी दावा किया कि अभियुक्त चुन्नू डोम घटना के समय दिल्ली में मजदूरी कर रहा था।
उनके अनुसार मृतक डब्लू डोम की मौत ट्रैक्टर से कुचलने के कारण हुई थी न कि गोली मारकर। बचाव पक्ष ने यह भी बताया कि मुख्य अभियुक्त होरील डोम, जिस पर हत्या का सीधा आरोप था, चार माह पहले ही रिहा हो चुका है। ऐसे में चुन्नू डोम पर किसी प्रकार का प्रत्यक्ष आरोप सिद्ध नहीं होता और उसे झूठा फंसाया गया है।
सभी प्रमुख गवाहों ने अदालत में किया समर्थन
वहीं, अभियोजन पक्ष ने बहस के दौरान कहा कि मामले के अनुसंधानक एसडीपीओ अतानु दत्ता, बगहा अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. ए.के. तिवारी तथा सूचक मुमताज देवी सहित अन्य गवाहों ने घटना का समर्थन किया है। अदालत में बयान के दौरान कांड की सूचक मुमताज देवी भावुक होकर रो पड़ीं।
उन्होंने न्यायालय से कहा, “हुजूर! जब मैं तीन माह की गर्भवती थी, तभी मेरे सामने मेरे पति को गोली मारकर हत्या कर दी गई।” अभियोजन पदाधिकारी जितेंद्र भारती ने अदालत से ट्रायल को अब शीघ्र पूरा करने का अनुरोध किया।
कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस को कई बार देना पड़ा स्पष्टीकरण
मामला वर्ष 2011 में डब्लू राम उर्फ डेबा की हत्या से संबंधित है। मुमताज देवी के बयान पर चुन्नू डोम सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, लेकिन नौ साक्षियों में से अब तक केवल तीन गवाहों के बयान ही अदालत में दर्ज हो सके हैं।
दो जून को अदालत ने अनुसंधानक अतानु दत्ता, डॉ. ए.के. तिवारी और सूचक मुमताज देवी के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट के बावजूद उपस्थित न होने पर उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था। बगहा एसपी को निर्देश दिया गया था कि तीनों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए।
इसके अलावा पुलिस साक्षी अमरेश कुमार सिंह के विरुद्ध जारी गैर-जमानती वारंट की तामिला रिपोर्ट 2022 से लंबित है। अदालत ने उनकी अनुपस्थिति पर भी कड़ी नाराजगी जताई थी। अब भी पुलिस को वे नहीं मिल सके हैं।

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