Ram Singh Vs Jayesh Mangalam: बगहा में जातीय समीकरणों का चुनाव पर गहरा असर, कौन मारेगा बाजी?
बगहा विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल गरमा गया है। यहां मुकाबला भाजपा के राम सिंह और कांग्रेस के जयेश मंगलम सिंह के बीच है। जयेश पिछली हार के बाद भी सक्रिय रहे हैं, जबकि राम सिंह अपने विकास कार्यों को गिना रहे हैं। जातीय समीकरणों का भी चुनाव पर गहरा असर दिख रहा है, जहां ब्राह्मण, यादव, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है।
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भाजपा के राम सिंह और कांग्रेस के जयेश मंगलम के बीच कड़ा मुकाबला। (जागरण)
विनोद राव, बगहा। बगहा विधानसभा, जो कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी, इस बार फिर से चुनावी सरगर्मी के बीच चर्चा में है। कुल आठ प्रत्याशियों के मैदान में होने के बावजूद मुकाबला भाजपा के राम सिंह और कांग्रेस के जयेश मंगलम सिंह के बीच सिमट गया है।
जयेश मंगलम सिंह पिछले चुनाव में 30 हजार वोटों से हार गए थे, लेकिन हार के बाद भी उन्होंने क्षेत्र से नाता नहीं तोड़ा। वे लगातार जनता के बीच सक्रिय हैं और बगहा को राजस्व जिला बनाने सहित कई स्थानीय मुद्दों को लेकर काम कर रहे हैं।
दूसरी ओर, वर्तमान विधायक राम सिंह अपने पांच साल के विकास कार्यों और उपलब्धियों को जनता के सामने रख रहे हैं। उनके समर्थन में योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के कई स्टार प्रचारक भी क्षेत्र में जनसभाएं कर चुके हैं।
जातीय समीकरण हावी
बगहा विधानसभा में इस बार जातीय समीकरण भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। यहां लगभग 44 हजार ब्राह्मण, 45 हजार यादव, 42 हजार से अधिक वैश्य और करीब 22 हजार मुस्लिम मतदाता हैं।
इनके अलावा दलित, कुशवाहा और अन्य समुदायों की भी मजबूत उपस्थिति है। ऐसे में हर प्रत्याशी अपने समीकरण को साधने में जुटा है। क्षेत्र में जातीय संतुलन ही इस बार जीत-हार का मुख्य कारक माना जा रहा है।
चाय की दुकानों पर मन की बात, मुद्दे पीछे छूटे
शनिवार की सुबह बगहा के छोटकी पट्टी, बड़गांव, चौतरवा इलाके का नजारा कुछ अलग था। सड़क किनारे बने चाय दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी।
कप से उठती भाप और चाय की चुस्कियों के बीच चुनावी चर्चा जोरों पर थी। लोगों से बातचीत में साफ झलक रहा था कि इस बार वोट सिर्फ मुद्दों व जाति नहीं, बल्कि उम्मीदवार की छवि और जनता से उसके जुड़ाव पर निर्भर करेगा।
70 वर्षीय समीउल्लाह ने कहा कि अब चुनाव मन की दिशा पकड़ चुका है। बृजेश ने कहा कि लोग अब देख रहे हैं कौन उम्मीदवार उनसे जुड़ता है, कौन उनके बीच रहता है।
माहौल बनाएगा परिणाम की दिशा
चाय वाले से लेकर शिक्षक तक, सभी की राय में इस बार माहौल का असर ज्यादा दिख रहा है। जाति कारक भी हावी रहेगा। चाय दुकानदार बिकाऊ ने कहा कि सुबह चाय पीने आने वाले लोग ही बता देते हैं कि हवा किस ओर बह रही है।
एक शिक्षक का कहना था कि मुद्दे हमेशा रहेंगे, लेकिन इस बार मन का झोंका निर्णायक होगा। प्रमुख चौराहे अब चुनावी चौपालों में बदल चुकी हैं, जहां हर कप चाय के साथ एक नई राय बनती है। लोगों की बातचीत से साफ है कि बगहा में इस बार चुनाव मुद्दों से नहीं, बल्कि जनता के मन की लहर से तय होगा।
बगहा विधानसभा क्षेत्र एक नजर में
- पुरुष मतदाता: 1,67,941
- महिला मतदाता: 1,49,752
- तृतीय लिंग: 17
- कुल मतदाता: 3,17,710

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