अन्नदाता पर मेहरबानी: ₹4000 वाला बेबी कार्न बीज केवल ₹750 प्रति किग्रा में
Bihar News: राज्य सरकार खेती को लाभकारी बनाने की योजना पर लगतार सक्रिय है। इसी क्रम में पश्चिम चंपारण में बेबी कार्न की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कृषि विकास योजना के तहत किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। जिससे वे आगे बढ़कर खेती कर सकें और लाभकारी बना सकें। बेबी कार्न के साथ ही साथ स्वीट कार्न की खेती को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कृषि विकास योजना के तहत किसानों को अनुदानित दर पर बीज उपलब्ध। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, बेतिया (पश्चिम चंपारण)। जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है। कृषि विभाग की ओर से उनकी आय बढ़ाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। इसी क्रम में बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए अनुदानित दर बीज उपलब्ध करा दिया गया है।
पहली बार सरकारी देखरेख में बेबी एवं स्वीट कार्न की खेती की तैयारी चल रही है। उन्हें अनुदानित दर पर इसका बीज उपलब्ध कराया जाएगा। कृषि विकास योजना के तहत इसके बीज प्रखंडों को उपलब्ध करा दिया गया है।
इसे अनुज्ञप्तिधारी दुकानों में निर्धारित दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। जिला कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बेबी कार्न के बीज चार क्विंटल जबकि स्वीट कार्न के दो क्विंटल बीज दिया गया है। करीब चार हजार प्रति किलोग्राम की जगह किसानों को 750 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिला कृषि पदाधिकारी सरफराज असगर ने बताया कि दोनों ही तरह के रबी मौसम फसलों के लिए पश्चिम चंपारण जिला का जलवायु बेहतर है। किसान अनुदान दर इसका बीज प्राप्त इसकी खेती कर सकते हैं।
पर्याप्त मात्रा में गेहूं का बीज उपलब्ध
जिले में कृषि विकास योजना एवं राज्य योजना के तहत पर्याप्त मात्रा में गेहूं का बीज उपलब्ध है। कृषि विकास योजना के तहत जिले में 15973 किलोग्राम तथा राज्या योजना के तहत 597 किलोग्राम गेहूं का बीज सभी प्रखंडों की निर्धारित दुकानों में उपलब्ध कराया गया है।इसके अलावा मटर एवं हरा मटर के बीज सहित तिलहन में सरसों के बीज भी कृषि विकास योजना के तहत विभागीय स्तर पर दिया गया है
रबी के लिए उर्वरकों की नहीं है कमी
जिले के किसान रबी मौसम की फसलों की बुआई अब शुरू करने वाले हैं। इस दौरान उन्हें बड़ी मात्रा में उर्वरकों की आवश्यता होती है। किसान अभी से ही इसकी खरीदारी शुरू कर दी है।
नरकटियागंज के किसान बासुदेव प्रसाद की माने, तो उन्होंने 1350 रुपये प्रति बोरी डीएपी की खरीद की है। वहीं शनिचरी के किसान मनोज कुमार ने बताया कि यहां 1400 प्रति बोरी डीएपी एवं 1800 रुपये प्रति बोरी पोटाश की खरीदारी की है।
जिले उपलब्ध विभिन्न तरह के उर्वरक
- उर्वरक उपलब्धता
- यूरिया ------- 11900
- डीएपी --------- 4622
- एमओपी -----------------4482
- एनपीकेएस------------ 8294
- * एसएसपी ---------------7882

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