West Champaran News : बाघ के रेस्क्यू के बाद अब खेतों में बढ़ी चहल पहल
पश्चिम चंपारण में बाघ के रेस्क्यू के बाद किसानों ने राहत की सांस ली है। खेतों में फिर से चहल-पहल बढ़ गई है, और किसान बिना डर के अपने काम में जुट गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता से इलाके में डर का माहौल खत्म हो गया है। किसानों ने वन विभाग और प्रशासन को धन्यवाद दिया है।

पश्चिम चंपारण में बाघ को सुरक्षित पकड़े जाने के बाद लोगों में राहत। जागरण
संवाद सूत्र, गौनाहा (पश्चिम चंपारण) : प्रखंड के सिसई गांव में पिछले कई दिनों से बाघ के चहलकदमी से ग्रामीणों में फैली दहशत आखिर खत्म हो गई है। वन विभाग की टीम ने लगातार दो दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद गन्ने के खेत से बाघ को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया।
रेस्क्यू अभियान में वन कर्मियों की सक्रियता और ग्रामीणों के सहयोग ने अहम भूमिका निभाई। ग्रामीणों ने बताया कि बाघ के डर से वे पिछले कई दिनों से खेतों की ओर नहीं जा रहे थे। मवेशियों को चराने और बच्चों को स्कूल भेजने तक में भय बना हुआ था। सिसई के अभिमन्यु कुमार, नंदकिशोर यादव, मुकेश यादव और संतोष कुमार ने बताया कि वन विभाग ने इलाके को पूरी तरह घेराबंदी कर रखा था, जिससे कोई अप्रिय घटना न हो।
बाघ के सफल रेस्क्यू के बाद क्षेत्र में राहत और सुरक्षा का माहौल लौट आया है। ग्रामीणों ने फिर से खेती-किसानी और दैनिक कार्य शुरू कर दिए हैं। सिसई के आसपास धान की कटनी शुरू हो गई है। रेंजर सुनील कुमार पाठक ने बताया कि ग्रामीणों का सहयोग सराहनीय रहा और सभी ने सुरक्षा नियमों का पालन किया।
उन्होंने अपील की कि यदि किसी को जंगली जानवर दिखाई दे, तो तत्काल वन विभाग को सूचित करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। बता दें कि वीटीआर में बाघों की संख्या 60 से अधिक हो गई है। उसके अधिवास क्षेत्र कम पड़ रहे हैं। इस वजह जदा कदा रिहायशी इलाकों में बाघों के पहुंचने और घटनाएं सामने आ रहीं हैं। ऐसे में वन विभाग द्वारा जंगल के आसपास के क्षेत्र में लोगों को सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है। जरूरत के अनुसार लोगों को समूह में आने जाने का सुझाव दिया जा रहा है।
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